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CM गहलोत ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर करें कार्रवाई या हमें दें अधिकार - क्या है मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (Multilevel Co-operative Societies) पर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है. गहलोत ने कहा कि को-ऑपरेटिव सोसाइटी की धोखाधड़ी से लोग परेशान हैं, इसके लिए सरकार इन पर कार्रवाई करे या प्रदेश की सहकारिता को इस संबंध में अधिकार दें.

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
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Published : Oct 20, 2020, 2:41 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 3:35 PM IST

जयपुर. मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी की धोखाधड़ी से परेशान लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने भले ही कानून बना दिया हो, लेकिन उस पर अमल नहीं हो रहा है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि या तो सोसाइटी के ऊपर कार्रवाई करें वरना प्रदेश के सहकारिता को इस संबंध में अधिकार दे. यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने दी.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

आंजना के अनुसार मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर नियंत्रण भारत सरकार का है. केंद्र और राज्य सरकार ऐसी सोसाइटी जो लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है उन पर कार्रवाई की मंशा भी जता चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार ने जो कानून बनाया है उसकी क्रियान्वित नहीं हो रही. अकेले राजस्थान में 1419 करोड़ रुपए कई लोगों के इन सोसाइटी में डूबे हुए हैं. उन्हें राहत देने के लिए पिछले दिनों शिकायत विभाग ने ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया, जिसमें हजारों की संख्या में शिकायत भी दर्ज हुई.

  • As Multi State Cooperative Societies r under administrative control of GoI,written a letter to PM Narendra Modi ji seeking remedial measures including directing Central Registrar to authorise State’s Cooperative dept to tk action in matter in order to save interests of common ppl

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ेंः नागौर: नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए लगेंगे विशेष शिविर...उद्योग विभाग कर रहा ये खास तैयारी

कानूनी बाध्यता के चलते हम ऐसी सोसाइटी के ऊपर सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते और केंद्र सरकार इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई कर नहीं रही. अब यदि केंद्र सरकार हमारे रजिस्ट्रार को यह अधिकार दे तो, हम जल्द से जल्द लोगों के मेहनत की कमाई जो इन सोसायटी में अटकी हुई है उसे निकलवाने का काम करें. पत्रकारों से बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि जो केंद्रीय कृषि बिल लाए गए हैं उनके खिलाफ राजस्थान सरकार कानून बनाएगी. जिसके बाद उसे जल्द ही विधानसभा में पारित करने की अनुमति राष्ट्रपति से मिल जाएगी.

पढ़ेंः जालोर गैंगरेप मामला : वसुंधरा ने Tweet कर साधा निशाना, कहा- राजस्‍थान में ना कोई कानून-व्‍यवस्‍था और ना सरकार

आंजना के अनुसार इस संबंध में सोमवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक भी ली थी. जिसमें वो और कृषि मंत्री भी शामिल हुए. बता दें कि राजस्थान में मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी की धोखाधड़ी के शिकार लोगों की संख्या हजारों में है. इनके पीड़ितों ने सरकार से कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल पाई. वहीं, केंद्रीय कृषि बिल पर जारी सियासत राजस्थान में भी सुलग रही है जो आने वाले दिनों में नए रूप में दिख सकती है.

जयपुर. मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी की धोखाधड़ी से परेशान लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने भले ही कानून बना दिया हो, लेकिन उस पर अमल नहीं हो रहा है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि या तो सोसाइटी के ऊपर कार्रवाई करें वरना प्रदेश के सहकारिता को इस संबंध में अधिकार दे. यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने दी.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

आंजना के अनुसार मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर नियंत्रण भारत सरकार का है. केंद्र और राज्य सरकार ऐसी सोसाइटी जो लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है उन पर कार्रवाई की मंशा भी जता चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार ने जो कानून बनाया है उसकी क्रियान्वित नहीं हो रही. अकेले राजस्थान में 1419 करोड़ रुपए कई लोगों के इन सोसाइटी में डूबे हुए हैं. उन्हें राहत देने के लिए पिछले दिनों शिकायत विभाग ने ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया, जिसमें हजारों की संख्या में शिकायत भी दर्ज हुई.

  • As Multi State Cooperative Societies r under administrative control of GoI,written a letter to PM Narendra Modi ji seeking remedial measures including directing Central Registrar to authorise State’s Cooperative dept to tk action in matter in order to save interests of common ppl

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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कानूनी बाध्यता के चलते हम ऐसी सोसाइटी के ऊपर सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते और केंद्र सरकार इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई कर नहीं रही. अब यदि केंद्र सरकार हमारे रजिस्ट्रार को यह अधिकार दे तो, हम जल्द से जल्द लोगों के मेहनत की कमाई जो इन सोसायटी में अटकी हुई है उसे निकलवाने का काम करें. पत्रकारों से बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि जो केंद्रीय कृषि बिल लाए गए हैं उनके खिलाफ राजस्थान सरकार कानून बनाएगी. जिसके बाद उसे जल्द ही विधानसभा में पारित करने की अनुमति राष्ट्रपति से मिल जाएगी.

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आंजना के अनुसार इस संबंध में सोमवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक भी ली थी. जिसमें वो और कृषि मंत्री भी शामिल हुए. बता दें कि राजस्थान में मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी की धोखाधड़ी के शिकार लोगों की संख्या हजारों में है. इनके पीड़ितों ने सरकार से कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल पाई. वहीं, केंद्रीय कृषि बिल पर जारी सियासत राजस्थान में भी सुलग रही है जो आने वाले दिनों में नए रूप में दिख सकती है.

Last Updated : Oct 20, 2020, 3:35 PM IST
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