उदयपुर. प्रदेश के सियासी पटल पर दबदबा रखने वाले मेवाड़ अंचल की 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ 3 दिन बचे हैं. हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा उपचुनाव सीट पर पार्टी प्रत्याशी नामांकन दाखिल करेंगे. कांग्रेस प्रभारी अजय माकन, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा भी मौजूद रहेंगे. लेकिन पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की मौजूदगी को लेकर संशय बना हुआ है. ऐसे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दोनों सीटों पर जीत के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को पायलट और गहलोत को एक मंच पर लाना होगा.
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पायलट के मंच पर आने से कांग्रेस को इस तरह होगा फायदा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत बड़े नेताओं के नामांकन के दिन पहुंचने की संभावना है. मुख्यमंत्री गहलोत के साथ कांग्रेस प्रभारी अजय माकन, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे. हालांकि, इस चुनावी दौरे में सचिन पायलट उनके साथ रहेंगे या नहीं इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान या जानकारी नहीं आई है. प्रदेश की सियासत पर पैनी नजर रखने वाले जानकारों के अनुसार पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार में शामिल होने से कांग्रेस को सियासी ताैर लाभ मिलेगा.
दो गुटों में बंटे कार्यकर्ता एकजुट होकर पार्टी के लिए काम करेंंगे. जातिय समीकरण कांग्रेस के पक्ष में होने के पूरे आसार बन जाएंंगे. वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा क्षेत्र में गुर्जर मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस के पक्ष में होने से पार्टी को फायदा मिलेगा. पूर्व दिवगंत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत पायलट खेमे में शामिल थे. पायलट खेमा गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी को टिकट देने की पैरवी कर रहा है.
पायलट की चुनाव प्रचार से दूरी बिगाड़ सकती है खेल
वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा उपचुनाव सीट भाजपा और कांग्रेस लिए महत्वपूर्ण है. दोनों पार्टियों में आंतरिक गुटबाजी की वजह से टिकट को लेकर राय नहीं बन पा रही है. सत्तापक्ष कांग्रेस के लिए दोनों सीटों पर चुनाव जीतना महत्वपूर्ण है. पार्टी नेतृत्व ने सचिन पायलट की नाराजगी को दूर करने के लिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन को लगाया है. पायलट के चुनाव प्रचार में शामिल होने से कांग्रेस को फायदा होगा, लेकिन पायलट चुनाव प्रचार से दूरी बना लेते हैं तो दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं. पायलट के चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होने पर पार्टी कार्यकर्ता दो धड़ों में बंट जाएंगे. पार्टी की आंतरिक गुटबाजी खुलकर सतह पर आ जाएगी. जिसका खामियाजा पार्टी प्रत्याशियों को उठाना पड़ सकता है.
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लंबे समय से कांग्रेस धरियावद विधानसभा सीट जीत नहीं पाई है. ऐसे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दोनों सीटों पर जीत के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को पायलट और गहलोत को एक मंच पर लाना होगा. सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने बताया कि 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुबह 11 बजे वल्लभनगर आएंगे. दोपहर 1 बजे धरियावद आएंगे. मीणा ने बताया कि दोनों विधानसभा क्षेत्रों पर बूथ स्तर तैयारियां कर ली गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संबोधन को हर कार्यकर्ता और बूथ स्तर तक पहुंचाया जाएगा.