जयपुर. राजस्थान में मंगलवार को जहां तापमान में ठंड दर्ज की गई तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों ने सियासी पारी को खासा गरमा दिया. मुख्यमंत्री के डोटासरा, खाचरियावास और मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बयानों को लेकर चर्चा हो रही है.
डोटासरा पर तंज
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले बिरला ऑडिटोरियम में शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के शिक्षा मंत्री पद छोड़ने की इच्छा को सार्वजनिक किया. इसके साथ ही उन्होंने बिरला ऑडिटोरियम में हुए कार्यक्रम में शिक्षकों से तबादलों में चल रहे पैसों के खेल को भी सार्वजनिक कर दिया. मुख्यमंत्री के लहजे में तंज साफ नजर आ रहा था.
खाचरियावास पर तंज
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिन में परिवहन विभाग के कार्यक्रम में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास पर भी व्यंग कसते हुए अधिकारियों को यह कह दिया कि वे कानून का पालन करवाएं, भले ही मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पब्लिक फ्रेंडली होकर किसी की सिफारिश क्यों न करें.
पुनर्गठन की बात
शाम को सचिवालय में कर्मचारियों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उस मंत्रिमंडल को लेकर तस्वीर साफ कर दी, जिसे लेकर न केवल कांग्रेस के विधायकों बल्कि राजस्थान की आम जनता में भी कौतूहल का माहौल है. मुख्यमंत्री ने आज जहां पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा की धड़कनें बढ़ाई तो फिर कैबिनेट के पुनर्गठन शब्द के इस्तेमाल कर सभी कैबिनेट सदस्यों की धड़कनें बढ़ा दी.
मुख्यमंत्री के पुनर्गठन शब्द ने यह साफ कर दिया है कि राजस्थान में अब गहलोत मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होगा और इसमें एक बार सभी मंत्रियों इस्तीफे लेकर दोबारा मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया जाएगा.
19 से 22 नवम्बर के दिन महत्वपूर्ण
राजस्थान में 19 नवंबर से लेकर 22 नवंबर तक कैबिनेट पुनर्गठन किया जा सकता है. दरअसल 19 नवंबर तक मुख्यमंत्री के प्रशासन शहरों के संग अभियान में कार्यक्रम में शामिल होना है. 19 नवंबर शाम को प्रदेश प्रभारी अजय माकन का जयपुर आने का कार्यक्रम बन रहा है. इसके बाद 22 नवंबर तक कभी भी कैबिनेट पुनर्गठन किया जा सकता है.