जयपुर. विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में पर्यटन राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्य सचिव निरंजन आर्य और पर्यटन विभाग के अधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए.
कार्यक्रम संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पर्यटन विभाग से मेरा रिश्ता पुराना है. मैंने भी शुरुआत केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री के तौर पर की थी. पर्यटन दुनिया को जोड़ने का काम करता है, चाहे वह डोमेस्टिक रूप में हो या फिर विदेशी पर्यटन के तौर पर. जब राज्य में पर्यटक जाते हैं तो अलग-अलग भाषाओं, वेशभूषा और संस्कृति को एक दूसरे के करीब लाते हैं.
उन्होंने कहा कि पर्यटन से देश के संस्कार मजबूत होते हैं, देश को अखंड रखने में पर्यटन की बड़ी भूमिका है. पर्यटक आता है तो कुछ लेकर भी आता है और देकर भी जाता है. प्रदेश में सभी तरीके के टूरिज्म हैं, चाहे वह पहाड़ी हो, रेगिस्तान हो या वाइल्डलाइफ हो. इस टूरिज्म को हम डेवलप कैसे कर सकते हैं, इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि पर्यटन को इंडस्ट्री का दर्जा मिला, लेकिन इसका लाभ नहीं मिला, सरकार इस पर भी विचार करेगी. राजस्थान आज बड़ी टूरिज्म डेस्टिनेशन है, यूनेस्को ने भी चार जिलों में कल्चर सेंटर बनाए हैं. जो टूरिस्ट आ रहा है वह क्या अनुभव करके जा रहा है, उसके अनुभव के आधार पर जो शिकायतें करता है, उन शिकायतों को हम दूर करें, तो आने वाले समय में टूरिज्म को प्रदेश में और आगे बढ़ा सकते हैं.
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गहलोत ने कहा कि अनुभव के आधार पर इस सेक्टर को आगे बढ़ाना चाहिए. पब्लिसिटी और ब्रांडिंग कैसे की जाए, इस पर ध्यान देना चाहिए. विज्ञापन के लिए क्वालिटी की फिल्म बननी चाहिए, बकवास फिल्म बने, उससे कोई फायदा नहीं. बल्कि उससे तो उल्टा नुकसान होता है. पर्यटन के क्षेत्र में देश के नजरिये से राजस्थान अभी छठे स्थान पर है, हम पहले स्थान पर आना चाहते हैं. राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, हम चाहें तो मार्केटिंग और पब्लिसिटी के माध्यम से नंबर एक बन सकते हैं.
गहलोत ने कहा कि सांस्कृतिक रूप से राजस्थान एक धरोहर है. जैसे रीट की परीक्षा को लेकर राजस्थान में आम लोगों ने केवल आह्वान मात्र पर बड़ी-बड़ी रसोइयां लगा दीं और बच्चों के खाने पीने का इंतजाम किया. जबकि ऐसा कोई सरकारी आदेश नहीं था. मेरा अनुभव है कि हमारी जैसी महान परंपरा अन्य राज्यों में कम है.
कानून व्यवस्था बेहतर, FIR कंपलसरी होने से बढ़े आंकड़े..
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कहा कि राजस्थान की कानून व्यवस्था प्रदेश के अन्य राज्यों से बेहतर है. हालांकि एपआईआर कंपलसरी करने से प्रदेश में अपराध के आंकड़े बढ़े हैं. इससे सरकार की बदनामी भी हो रही है, लेकिन कोई नहीं समझता कि पहले एफआईआर दर्ज किए बगैर जब थानों से लोगों को भगा दिया जाता था और एफआईआर दर्ज नहीं होती थी.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में आंकड़े ज्यादा आ रहे हैं, एनसीआरबी रिपोर्ट में भी आ रहा है कि राजस्थान में क्राइम बढ़ गया है. लेकिन एनसीआरबी खुद कहती है कि केवल संख्या बढ़ने के आधार पर आप 2 राज्यों को तुलना नहीं कर सकते. कोई जमाना था जब प्रदेश में लपकों का आतंक था, जो 50-50 परसेंट तक कमीशन ले लेते हैं, अब राजस्थान में लपकों का नामोनिशान समाप्त हो जाना चाहिए.