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गहलोत-डोटासरा की Rafale Deal के लिए JPC जांच की मांग, बढ़ती महंगाई के लिए केंद्र की नीति-नीयत पर उठाए सवाल

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Published : Jul 4, 2021, 9:49 PM IST

प्रदेश की गहलोत सरकार ने एक बार फिर बढ़ रही मंहगाई को लेकर केंद्र सरकार पर ट्वीट वार किया. साथ ही राफेल डिल पर भी सवाल उठाएं. गहलोत ने कहा कि बढ़ती महंगाई को मोदी सरकार की गलत नीति और नीयत का नतीजा करार दिया है. राफेल पर कहा कि राफेल सौदे की जांच के लिए JPC बनाने में क्या हर्ज है?

केंद्र सरकार पर ट्वीट, tweet on central government
Rafale Deal के लिए जेपीसी जांच की मांग

जयपुर. देश और प्रदेश में बढ़ती महंगाई ने आमजन को परेशान कर रखा है, लेकिन जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है उससे ज्यादा इस पर सियासत हो रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर ट्विटर के जरिए हमला बोला है. गहलोत ने बढ़ती महंगाई को मोदी सरकार की गलत नीति और नियत का नतीजा करार दिया है.

पढ़ेंः गुलाबचंद कटारिया का वसुंधरा समर्थकों पर निशाना, 'BJP में नहीं चलता अहंकार, जिसने व्यक्तित्व को आधार बनाया वही गर्त में गया'

मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 7 साल में महंगाई को कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिसके कारण आज इतनी महंगाई हो गई है कि आम आदमी को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है.

केंद्र सरकार पर ट्वीट, tweet on central government
गहलोत ट्वीट

कोविड के कारण पहले ही सभी की आमदनी कम हुई है और बढ़ती महंगाई ने आम आदमी के जेब खर्च का हिसाब बिगाड़ दिया है. यह दिखाता है कि केन्द्र सरकार बुरी तरह असफल हो गई है. जिसके पास ना तो सही नीति है और ना ही साफ नीयत है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की सभी चीजें महंगी होती जा रही हैं.

सीएम ने आंकड़ों के साथ लगाया आरोप

गहलोत ने केन्द्र सरकार की ओर से जारी किए गए महंगाई के आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि अप्रैल में खुदरा महंगाई 4.23 फीसदी पर थी जो मई में बढ़कर 6.30 फीसदी हो गई. वहीं, थोक महंगाई दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड 12.94 फीसदी पर पहुंच गई.

केंद्र सरकार पर ट्वीट, tweet on central government
गहलोत ट्वीट

इसी प्रकार मई में खाद्य महंगाई 1.96 फीसदी से बढ़कर 5.01 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई. यह दिखाता है कि बाजार में आम आदमी के इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतें किस तेजी से बढ़ी है.

मीडिया में आई कोटक इंस्टिट्यूशन सिक्योरिटीज की जून माह की रिपोर्ट का उल्लेख कर गहलोत ने कहा कि नहाने के साबुन की दरों में 8 फीसदी से 20 फीसदी, वाशिंग पाउडर की कीमतों में 3 फीसदी से 10 फीसदी, खाद्य तेल में 20 फीसदी से 40 फीसदी, चाय में 4 फीसदी से 8 फीसदी और बेबी फूड की कीमतों में 3 फीसदी से 7 फीसदी की वृद्धि हुई है. ये सभी रोजमर्रा में इस्तेमाल आने वाले जरूरी चीजे हैं. एक लीटर सरसों के तेल की कीमत 180-190 रुपए तक पहुंचना आम आदमी से भोजन छीनने जैसा है.

सब्सिडी बंद, रसोई गैस के दाम बढ़ाए

रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 25 रुपए की बढ़ोतरी पर गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 14 महीने में रसोई गैस सिलेंडर के दाम 255 रुपए बढ़ा दिए हैं. गैस सब्सिडी भी अब पूरी तरह बन्द हो गई है. आमजन खाना पकाने के लिए सिलेंडर छोड़कर फिर कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल को मजबूर हो रहे हैं.

पढ़ेंः पूर्व विधायकों और संविदा कर्मियों के लिए राजस्थान सरकार ने खोला राहत का पिटारा

गहलोत ने यह भी कहा कि यूपीए के समय 450 रुपए का गैस सिलेंडर मोदी सरकार 838 रुपए में बेच रही है. उज्ज्वला योजना में सिलेंडर पाने वाले परिवार सरकार को अपना सिलेंडर वापस देना चाहते हैं. यह मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का ही परिणाम है.

राफेल डील पर उठाए सवाल

राहुल गांधी और पूरा विपक्ष लगातार राफेल डील पर सवाल उठाता रहा है. मीडिया को भी इसकी सच्चाई सामने लाने के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए. देश जानना चाहता है कि

  • एयरफोर्स को जब 126 राफेल विमानों की जरूरत थी तो सिर्फ 36 राफेल ही क्यों खरीदे गए?
  • एक राफेल की कीमत पूर्व में तय 526 करोड़ रुपए से बढ़कर 1600 करोड़ रुपये कैसे हो गई?
  • लोकतंत्र में विपक्ष और जनता की मांग पर जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बनाई जाती रही है, इसलिए आज जब मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस राफेल डील की जांच के लिए JPC बनाने की मांग कर रही है तो राफेल सौदे की जांच के लिए JPC बनाने में क्या हर्ज है?
    केंद्र सरकार पर ट्वीट, tweet on central government
    ट्वीट कर राफेल डील के जांच की मांग की

डोटासरा का ट्वीट

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस मामले में ट्वीट करके लिखा है कि 'देश के सबसे बड़े राफेल रक्षा सौदे में बिचौलियों को करोड़ों का कमीशन, राष्ट्रीय हितों से खिलवाड़, सरकारी खजाने को नुकसान एवं रक्षा खरीद प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाई गई हैं. फ्रांस ने घोटाले की 'न्यायिक जांच' शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री जी JPC जांच कराइये.

जयपुर. देश और प्रदेश में बढ़ती महंगाई ने आमजन को परेशान कर रखा है, लेकिन जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है उससे ज्यादा इस पर सियासत हो रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर ट्विटर के जरिए हमला बोला है. गहलोत ने बढ़ती महंगाई को मोदी सरकार की गलत नीति और नियत का नतीजा करार दिया है.

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मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 7 साल में महंगाई को कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिसके कारण आज इतनी महंगाई हो गई है कि आम आदमी को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है.

केंद्र सरकार पर ट्वीट, tweet on central government
गहलोत ट्वीट

कोविड के कारण पहले ही सभी की आमदनी कम हुई है और बढ़ती महंगाई ने आम आदमी के जेब खर्च का हिसाब बिगाड़ दिया है. यह दिखाता है कि केन्द्र सरकार बुरी तरह असफल हो गई है. जिसके पास ना तो सही नीति है और ना ही साफ नीयत है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की सभी चीजें महंगी होती जा रही हैं.

सीएम ने आंकड़ों के साथ लगाया आरोप

गहलोत ने केन्द्र सरकार की ओर से जारी किए गए महंगाई के आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि अप्रैल में खुदरा महंगाई 4.23 फीसदी पर थी जो मई में बढ़कर 6.30 फीसदी हो गई. वहीं, थोक महंगाई दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड 12.94 फीसदी पर पहुंच गई.

केंद्र सरकार पर ट्वीट, tweet on central government
गहलोत ट्वीट

इसी प्रकार मई में खाद्य महंगाई 1.96 फीसदी से बढ़कर 5.01 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई. यह दिखाता है कि बाजार में आम आदमी के इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतें किस तेजी से बढ़ी है.

मीडिया में आई कोटक इंस्टिट्यूशन सिक्योरिटीज की जून माह की रिपोर्ट का उल्लेख कर गहलोत ने कहा कि नहाने के साबुन की दरों में 8 फीसदी से 20 फीसदी, वाशिंग पाउडर की कीमतों में 3 फीसदी से 10 फीसदी, खाद्य तेल में 20 फीसदी से 40 फीसदी, चाय में 4 फीसदी से 8 फीसदी और बेबी फूड की कीमतों में 3 फीसदी से 7 फीसदी की वृद्धि हुई है. ये सभी रोजमर्रा में इस्तेमाल आने वाले जरूरी चीजे हैं. एक लीटर सरसों के तेल की कीमत 180-190 रुपए तक पहुंचना आम आदमी से भोजन छीनने जैसा है.

सब्सिडी बंद, रसोई गैस के दाम बढ़ाए

रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 25 रुपए की बढ़ोतरी पर गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 14 महीने में रसोई गैस सिलेंडर के दाम 255 रुपए बढ़ा दिए हैं. गैस सब्सिडी भी अब पूरी तरह बन्द हो गई है. आमजन खाना पकाने के लिए सिलेंडर छोड़कर फिर कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल को मजबूर हो रहे हैं.

पढ़ेंः पूर्व विधायकों और संविदा कर्मियों के लिए राजस्थान सरकार ने खोला राहत का पिटारा

गहलोत ने यह भी कहा कि यूपीए के समय 450 रुपए का गैस सिलेंडर मोदी सरकार 838 रुपए में बेच रही है. उज्ज्वला योजना में सिलेंडर पाने वाले परिवार सरकार को अपना सिलेंडर वापस देना चाहते हैं. यह मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का ही परिणाम है.

राफेल डील पर उठाए सवाल

राहुल गांधी और पूरा विपक्ष लगातार राफेल डील पर सवाल उठाता रहा है. मीडिया को भी इसकी सच्चाई सामने लाने के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए. देश जानना चाहता है कि

  • एयरफोर्स को जब 126 राफेल विमानों की जरूरत थी तो सिर्फ 36 राफेल ही क्यों खरीदे गए?
  • एक राफेल की कीमत पूर्व में तय 526 करोड़ रुपए से बढ़कर 1600 करोड़ रुपये कैसे हो गई?
  • लोकतंत्र में विपक्ष और जनता की मांग पर जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बनाई जाती रही है, इसलिए आज जब मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस राफेल डील की जांच के लिए JPC बनाने की मांग कर रही है तो राफेल सौदे की जांच के लिए JPC बनाने में क्या हर्ज है?
    केंद्र सरकार पर ट्वीट, tweet on central government
    ट्वीट कर राफेल डील के जांच की मांग की

डोटासरा का ट्वीट

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस मामले में ट्वीट करके लिखा है कि 'देश के सबसे बड़े राफेल रक्षा सौदे में बिचौलियों को करोड़ों का कमीशन, राष्ट्रीय हितों से खिलवाड़, सरकारी खजाने को नुकसान एवं रक्षा खरीद प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाई गई हैं. फ्रांस ने घोटाले की 'न्यायिक जांच' शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री जी JPC जांच कराइये.

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