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चैत्र नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की करें पूजा, यह उपाय करने से मिलेगी मनवांछित सफलता - jaipur latest news

आज से हिंदू वर्ष नवसंवत्सर 2079 और नवरात्रि (Chiatra Navratri 2022) का शुभारंभ हो रहा है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाएगी. इसका समापन 11 अप्रैल 2022 को होगा. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है.

Chiatra Navratri 2022
पहला दिन देवी शैलपुत्री को समर्पित
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Published : Apr 2, 2022, 6:36 AM IST

Updated : Apr 2, 2022, 10:22 AM IST

जयपुर. शक्ति स्वरूपा देवी भगवती की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि (Chiatra Navratri 2022) आज शनिवार से शुरू हो रहा है. आज से 9 दिन तक हर घर में देवी की आराधना होगी. नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा और आराधना की जाती है. ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर का कहना है कि इन नौ दिनों में देवी भगवती के अलग-अलग 9 स्वरूपों की पूजा की जाएगी. ज्योतिष के अनुसार नवरात्रि के नौ दिन और देवी के नौ स्वरूपों की 9 ग्रहों के रूप में भी समझा जा सकता है.

चन्द्रमा का मां कनेक्शन!: नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा (Day 1 Maa Shailputri is Worshiped) की जाती हैं. जिन्हें ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा से संबंधित माना जाता है. चंद्रमा मन का कारक है. ऐसे में जिन लोगों का मन स्थिर नहीं रहता उन्हें विशेष रूप से नवदुर्गा के पहले स्वरूप की पूजा करनी चाहिए. सफेद रंग देवी शैलपुत्री को खास प्रिय है. इसलिए इस दिन मां भगवती को सफेद पुष्प अर्पित किए जाने चाहिए और भोग में भी सफेद मिठाई ही रखनी चाहिए. कुंडली में चंद्रमा नैसर्गिक दुष्ट ग्रह से पीड़ित है तो देवी शैलपुत्री की पूजा से इसका निवारण हो जाता है.

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की करें पूजा

पढ़ें- Horoscope Today 02 April 2022 राशिफल : वाणी पर संयम रखें मेष, सिंह, तुला और कुंभ राशि के लोग

इस तरह करें आराधना: नवरात्रि (Navratri 2022 Puja) के पहले दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होने के बाद घर में देवी के चित्र पर कुमकुम, सफेद पुष्प चढ़ाने चाहिए. इसके बाद शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर धूप करनी चाहिए. इसके बाद देवी शैलपुत्री का ध्यान करते हुए खीर, मावे या मिश्री का भोग लगाना चाहिए.

मां का मंत्र: मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए बहुत सरल मंत्र है जिसके जाप से माना जाता है कि मां अम्बे की कृपा प्राप्त होती है. ये मंत्र है- या देवी सर्वभूतेषु, शैलपुत्री रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः. इस मंत्र का नवरात्रि के पहले दिन ज्यादा से ज्यादा पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का हिंदी या संस्कृत में पाठ किया जा सकता है. इसके आलावा दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भी देवी भगवती प्रसन्न होती हैं. इसके आलावा नवाह्न मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे' का ज्यादा से ज्यादा जाप करने से भी देवी भगवती का आशीर्वाद मिलता है.

जयपुर. शक्ति स्वरूपा देवी भगवती की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि (Chiatra Navratri 2022) आज शनिवार से शुरू हो रहा है. आज से 9 दिन तक हर घर में देवी की आराधना होगी. नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा और आराधना की जाती है. ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर का कहना है कि इन नौ दिनों में देवी भगवती के अलग-अलग 9 स्वरूपों की पूजा की जाएगी. ज्योतिष के अनुसार नवरात्रि के नौ दिन और देवी के नौ स्वरूपों की 9 ग्रहों के रूप में भी समझा जा सकता है.

चन्द्रमा का मां कनेक्शन!: नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा (Day 1 Maa Shailputri is Worshiped) की जाती हैं. जिन्हें ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा से संबंधित माना जाता है. चंद्रमा मन का कारक है. ऐसे में जिन लोगों का मन स्थिर नहीं रहता उन्हें विशेष रूप से नवदुर्गा के पहले स्वरूप की पूजा करनी चाहिए. सफेद रंग देवी शैलपुत्री को खास प्रिय है. इसलिए इस दिन मां भगवती को सफेद पुष्प अर्पित किए जाने चाहिए और भोग में भी सफेद मिठाई ही रखनी चाहिए. कुंडली में चंद्रमा नैसर्गिक दुष्ट ग्रह से पीड़ित है तो देवी शैलपुत्री की पूजा से इसका निवारण हो जाता है.

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की करें पूजा

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इस तरह करें आराधना: नवरात्रि (Navratri 2022 Puja) के पहले दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होने के बाद घर में देवी के चित्र पर कुमकुम, सफेद पुष्प चढ़ाने चाहिए. इसके बाद शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर धूप करनी चाहिए. इसके बाद देवी शैलपुत्री का ध्यान करते हुए खीर, मावे या मिश्री का भोग लगाना चाहिए.

मां का मंत्र: मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए बहुत सरल मंत्र है जिसके जाप से माना जाता है कि मां अम्बे की कृपा प्राप्त होती है. ये मंत्र है- या देवी सर्वभूतेषु, शैलपुत्री रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः. इस मंत्र का नवरात्रि के पहले दिन ज्यादा से ज्यादा पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का हिंदी या संस्कृत में पाठ किया जा सकता है. इसके आलावा दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भी देवी भगवती प्रसन्न होती हैं. इसके आलावा नवाह्न मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे' का ज्यादा से ज्यादा जाप करने से भी देवी भगवती का आशीर्वाद मिलता है.

Last Updated : Apr 2, 2022, 10:22 AM IST
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