जयपुर. कोटा के छबड़ा से विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने (Chhabra MLA Demand To Cm Gehlot) सीएम अशोक गहलोत और राज्य सरकार से प्रदेश में नजूल संपत्तियों की मौजूदा स्थिति में सुधार करने की मांग की है. सिंघवी ने कहा कि अरबों रुपए की (Pratap Singh Singhvi On Nazul Property) नजूल संपत्ति की देखरेख करने वाला कोई नहीं है. इसलिए यह खंडर बनती जा रही है. सरकार को इन्हें लीज या किराए पर देने और बेचने की कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि इससे सरकारी खजाना भर सके.
छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने एक बयान जारी कर कहा कि ज्यादातर नजूल संपत्ति देखरेख के अभाव में खंडर बन गई हैं. शहरों और कस्बों के बीच में होने की वजह से लोग यहां गंदगी का ढेर लगाते हैं, जिससे शहर बदरंग हो रहे हैं. कई स्थान तो गलत काम करने के अड्डे बने हुए हैं. नजूल संपत्ति पर कई लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है. लोगों ने कई जगह पक्के मकान और पक्के रास्ते बना लिए है. इन संपत्तियों को लोगों ने डंपिंग यार्ड बना रखा है. जिससे मानव के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और शहरों डंपिंग यार्ड के पास आवारा जानवर घूमते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अजमेर का सरवर किला, जैसलमेर में फतेहगढ़ फोर्ट सहित चार संपत्तियां, भीलवाड़ा में बारेठगढ़ सहित पांच संपत्तियां, अलवर में बाला किला सहित तीन संपत्तियां, बारां में शाहबाद किला सहित दो संपत्तियां, झुंझुनूं के सुखमहल सहित 5 संपत्तियां हैं. वहीं सीकर, भरतपुर, जयपुर के रामगढ़ किला सहित दौसा के विराटनगर की तीन प्रॉपर्टी शामिल हैं.
इसके अलावा कई शहरों, कस्बों, गावों में पुराने सरकारी कार्यालय, अदालत भवन, अधिकारी कर्मचारियों के निवास, पुराने थाने, पटवार भवन, तहसील कार्यालय, स्कूल, पंचायत भवन इत्यादी कई प्रकार की नजूल संपत्ति बेकार पड़ी है. सरकार का नजूल संपत्तियों की ओर ध्यान नहीं है.
विधायक ने कहा कि प्रदेश में बेकार पड़ी नजूल संपत्तियों में से जो लीज पर दी जा सके अथवा किराए पर दी जा सके उन संपत्तियों पर सरकार को तत्काल ध्यान देना चाहिए और जो बेकार पड़ी हुई हैं या जो काम में नहीं आ सकती उन्हें बाजार में खुली बोली लगाकर बेचने की कार्यवाही की जानी चाहिए. जिससे सरकार के खजाने में पैसा आए. ताकि यह पैसा राज्य की आधारभूत सुविधाओं और विकास कार्यों में काम आ सके.