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निजी वास्तुविदों के भवन पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने को चुनौती, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने पंजीकृत निजी वास्तुविदों के भवन पूर्णता (Challenge to issue building completion certificate) प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस संबंध में यूडीएच सचिव, रेरा चेयरमैन समेत अन्य से जवाब मांगा है.

High Court seeks reply,  building completion certificate
भवन पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने को चुनौती.
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Published : Oct 8, 2022, 9:22 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पंजीकृत निजी वास्तुविदों और तकनीकी विशेषज्ञों की (Challenge to issue building completion certificate) ओर से भवन का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने और इससे संबंधित भवन विनियमों को लेकर सुनवाई की. कोर्ट ने यूडीएच सचिव व रेरा के चेयरमैन सहित अन्य से जवाब देने के लिए कहा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस वीके भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश दीपांजन गोस्वामी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने फ्लैट आवंटियों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए रेरा एक्ट बनाया था. इसके प्रावधानों के अनुसार किसी भी भवन का निर्माण पूरा होने पर उसे स्थानीय निकाय या प्राधिकरण से भवन पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करना जरूरी है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने इन प्रावधानों में बदलाव करते हुए भवन पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने की शक्ति पंजीकृत वास्तुविदों को दे दी है.

पढ़ेंः Rajasthan : रेरा ने बिल्डर से रिकवरी के दिए आदेश, अलवर कलेक्टर को लिखा वसूली के लिए पत्र

जबकि रेरा नियमों में केवल स्थानीय निकाय या प्राधिकरण ही ऐसा प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत हैं. ऐसे में बिल्डर्स अब निजी वास्तुविदों से ही भवनों का पूर्णता प्रमाण पत्र ले रहे हैं और इसके चलते रेरा आवंटियों की शिकायतों को खारिज कर रहा है. याचिका में यह भी कहा गया कि भवन निर्माता निजी वास्तुविदों से मिलीभगत भी कर सकते हैं. इसलिए निजी वास्तुविदों को भवनों का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले प्रावधानों पर रोक लगाकर उसे रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पंजीकृत निजी वास्तुविदों और तकनीकी विशेषज्ञों की (Challenge to issue building completion certificate) ओर से भवन का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने और इससे संबंधित भवन विनियमों को लेकर सुनवाई की. कोर्ट ने यूडीएच सचिव व रेरा के चेयरमैन सहित अन्य से जवाब देने के लिए कहा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस वीके भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश दीपांजन गोस्वामी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने फ्लैट आवंटियों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए रेरा एक्ट बनाया था. इसके प्रावधानों के अनुसार किसी भी भवन का निर्माण पूरा होने पर उसे स्थानीय निकाय या प्राधिकरण से भवन पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करना जरूरी है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने इन प्रावधानों में बदलाव करते हुए भवन पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने की शक्ति पंजीकृत वास्तुविदों को दे दी है.

पढ़ेंः Rajasthan : रेरा ने बिल्डर से रिकवरी के दिए आदेश, अलवर कलेक्टर को लिखा वसूली के लिए पत्र

जबकि रेरा नियमों में केवल स्थानीय निकाय या प्राधिकरण ही ऐसा प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत हैं. ऐसे में बिल्डर्स अब निजी वास्तुविदों से ही भवनों का पूर्णता प्रमाण पत्र ले रहे हैं और इसके चलते रेरा आवंटियों की शिकायतों को खारिज कर रहा है. याचिका में यह भी कहा गया कि भवन निर्माता निजी वास्तुविदों से मिलीभगत भी कर सकते हैं. इसलिए निजी वास्तुविदों को भवनों का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले प्रावधानों पर रोक लगाकर उसे रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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