जयपुर. विशिष्ट शासन सचिव और जांच अधिकारी ने चाकसू नगर पालिका (Anita Gurjar acquitted from judicial investigation ) की तत्कालीन अध्यक्ष अनिता गुर्जर को नगर पालिका को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के मामले में न्यायिक जांच में दोषमुक्त कर दिया है.
न्यायिक जांच अधिकारी गिरिजेश कुमार ओझा ने कहा कि ऐसा लगता है कि अनीता गुर्जर के खिलाफ राजनीतिक द्वेषता के चलते यह कार्रवाई की गई है. गवाहों ने भी अपने बयानों में यह नहीं कहा कि तत्कालीन अध्यक्ष ने किसी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर जारी करवाया हो. अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने बताया कि निर्माण कार्य के टेंडर जारी करके नगर पालिका को आर्थिक नुकसान पहुंचाने को लेकर यूडीएच ने 8 सितंबर 2017 को चाकसू नगर पालिका की तत्कालीन अध्यक्ष अनिता गुर्जर को प्रथमद्रष्टया दोषी माना था और न्यायिक जांच के लिए मामला विधि विभाग भेजा था.
अनिता गुर्जर पर आरोप लगाया गया था कि उसने दिसंबर 2016 को नियमों की अवहेलना कर टेंडर जारी किए. बचाव में अनीता गुर्जर की ओर से कहा गया कि मामले में किसी भी उपापन समिति का गठन नहीं किया गया था और समिति गठन का काम पालिका अध्यक्ष का नहीं है. इसके अलावा टेंडर से पहले स्टेटमेंट बनवाने का काम भी अध्यक्ष का नहीं है. इसके अलावा संबंधित रिकॉर्ड की अभिरक्षा का काम भी अध्यक्ष की बजाए सीईओ का है. वहीं शिकायत के बाद टेंडर को निरस्त कर दिया गया था. ऐसे में नगर पालिका को कोई आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है और गवाहों ने भी इन सभी बातों को स्वीकार किया है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अनिता गुर्जर को दोष मुक्त कर दिया है.