जयपुर. प्रदेश में केंद्रीय और राज्य सरकार के अनुदान से चलने वाली योजनाओं का काम लगभग बंद पड़ा है. कारण है प्रदेश और देश में सरकारों के बीच समन्वय की कमी. राजस्थान के करीब 5 हजार 73 करोड़ रुपए पेयजल योजनाओं के और करीब 700 करोड़ रुपए जीएसटी के केंद्र सरकार पर बकाया चल रहे हैं. इसका भुगतान अब तक राजस्थान को नहीं हो पाया है.
राजस्थान में केंद्र की 'जल जीवन योजना' पर काम बंद पड़ा है. हाल ही में जयपुर शहर से सांसद रामचरण बोहरा ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत से मुलाकात कर उनको इस बारे में अवगत भी कराया था, लेकिन अब प्रदेश के जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला कहते हैं कि जब तक केंद्र सरकार अनुदान के रूप में 90 प्रतिशत राशि नहीं देगी, तब तक राजस्थान में इस योजना पर काम नहीं होगा. कल्ला के अनुसार राजस्थान में हर घर और गांव तक पेयजल पहुंचाने के लिए 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी, लेकिन केंद्र सरकार इस योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान देगी. मतलब 75 हजार करोड़ राज्य सरकार को वहन करना होगा, जो प्रदेश सरकार के पास नहीं है.
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कोरोना ने बिगाड़ी प्रदेश की आर्थिक सेहत...
डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि प्रदेश सरकार को केंद्र से जीएसटी के करीब 700 करोड़ रुपए लेने हैं. वहीं, ऐसी कई योजनाएं हैं जो केंद्रीय सरकार की स्वीकृति के बाद ही शुरू की गई थीं, लेकिन उनका पूरा अनुदान अब तक नहीं मिल पाया. ऐसे में आखिर विकास के पहिये तेजी से घूमे तो कैसे, क्योंकि कोरोना के चलते प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है.