जयपुर. भारत सरकार ने किसान से एक दिन में अधिकतम 25 क्विंटल की जगह (Central government gave permission) 40 क्विंटल चना की समर्थन मूल्य पर खरीद करने की अनुमति दे दी है. वहीं 5.97 लाख मीट्रिक टन चना खरीद का लक्ष्य दिया था, उसे अब बढ़ाकर 6.20 लाख मीट्रिक टन कर दिया है. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि गहलोत सरकार ने पिछले दिनों 25 क्विंटल की तुलाई सीमा के कारण किसानों को हो रही परेशानी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. पत्र में एक दिन में 25 क्विंटल की खरीद सीमा को बढ़ाकर 40 क्विंटल करने (Purchase of gram at support price) और राज्य में कुल उत्पादन के 25 प्रतिशत को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का आग्रह किया था. आंजना ने बताया कि अब किसान से चना की एक दिन में 40 क्विंटल तक खरीद हो सकेगी. उन्होंने बताया कि इस निर्णय से किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिये दूसरे दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सहकारिता मंत्री ने बताया कि समर्थन मूल्य पर चना खरीद के लिए 1 लाख 24 हजार 90 किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है. जिसमें से 86 हजार 609 किसानों को उपज बेचान की दिनांक आवंटित की जा चुकी है. साथ ही 63 हजार 303 किसानों से 1 लाख 31 हजार 727 मीट्रिक टन चना की खरीद की जा चुकी है, जिसकी राशि 689 करोड़ रुपए है.
केंद्र से किया है ये आग्रह भीः आंजना ने बताया कि श्रीगंगानगर जिले में किसानों की ओर से लाए जा रहे चने में अपरिपक्व, सिकुडें और टूटे हुए दानों की मात्रा 6 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक आ रही है. भारत सरकार की ओर से निर्धारित चने के गुणवत्ता मापदण्डों में अपरिपक्व, सिकुडें एवं टूटे हुए दानों की स्वीकार्य मात्रा 6 प्रतिशत तक निर्धारित है. राज्य के किसानों के हित में इस सीमा को 10 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय, भारत सरकार को अनुरोध किया जा रहा है. जिससे अधिकाधिक किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत चना क्रय किया जा सके. वहीं राजफैड प्रबंध निदेशक उर्मिला राजोरिया ने बताया कि 35 हजार 489 किसानों को 389 करोड़ रूपये का भुगतान ऑनलाइन किसानों के खाते में किया जा चुका है. शेष किसानों का भी भुगतान प्रक्रियाधीन है. राज्य में चना की खरीद के लिए 635 केन्द्र खोले गए हैं. भारत सरकार की ओर से चना का प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य 5230 रुपए निर्धारित किया गया है. उन्होंने बताया कि खरीद प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में रोजाना बदल रहे मौसम के मद्देनजर प्रतिदिन होने वाली खरीद को भण्डारगृहों में जमा कराया जाना सुनिश्चित किया जाए.