ETV Bharat / city

जमवारामगढ़ बांध का 123वां स्थापना दिवस, रंग-बिरंगी रोशनी बनी आकर्षण का केंद्र

जयपुर के जमवारामगढ़ बांध का 123वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस अवसर पर जमवारामगढ़ बांध को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया. इसे देखने के लिए लोग प्रदेश के कोने-कोने से आ रहे हैं.

जजयपुर की खबर,  Jaipur Jamwaramgarh Dam
उत्साह के साथ मनाया गया जमवारामगढ़ बांध का 123वां स्थापना दिवस
author img

By

Published : Dec 31, 2019, 5:27 PM IST

जयपुर. जमवारामगढ़ बांध के 123वें स्थापना दिवस के अवसर पर रंग-बिरंगी रोशनी से जमवारामगढ़ बांध की खूबसूरती देखने लायक थी. दूर-दूर से लोग रोशनी को देखने के लिए बांध पर पहुंचे और बांध की खूबसूरती को निहारा रहे थे. लोगों ने इन खूबसूरत पलों को अपने कैमरे में भी कैद किया. जमवारामगढ़ बांध के स्थापना दिवस के अवसर पर रिलाइव जमवारामगढ़ मिशन के तत्वाधान में बांध पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान संगोष्ठी कार्यक्रम भी आयोजित हुआ, जिसमें काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया.

उत्साह के साथ मनाया गया जमवारामगढ़ बांध का 123वां स्थापना दिवस

बता दें कि जमवारामगढ़ बांध की नीव 30 दिसंबर 1897 में रखी गई थी, जिसके बाद 1903 में बांध बनकर तैयार हुआ था. बांध की भराव क्षमता 65 फीट और केचमेंट एरिया 769 वर्ग किलोमीटर है. इसमें पानी की क्षमता 75 मिलीयन क्यूबीक मीटर है. साल 1931 में लंबे समय तक रामगढ़ बांध ने जयपुर की जनता की प्यास बुझाई थी. साल 1982 में रामगढ़बांध में एशियाई नौकायान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था, जिसके बाद बांध विश्व प्रसिद्ध हो गया.

पढ़ेंः 70 अधिकारियों को नए साल पर प्रमोशन का तोहफा, आज जारी होगी वरिष्ठता सूची

रोजाना बांध पर पर्यटकों का आवागमन भी होने लगा था. धीरे-धीरे बांध का पानी सूखता गया और पर्यटकों की आवाजाही भी कम होती गई. जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में कई जगहों पर रसूखदारों के फार्म हाउस रिसोर्ट बने हुए हैं, जिसके चलते बांध में नदियों का पानी नहीं पहुंच पाता है. बाण गंगा नदी और रोड़ा नदी का पानी जमवारामगढ़ बांध में पहुंचता था. इन नदियों के रास्तों में अतिक्रमण होने की वजह से पानी की आवक बंद हो गई. बांध का पानी सूखने से इलाके का जलस्तर भी नीचे चला गया. क्षेत्र में पानी की कमी होने से किसानों के चेहरों पर भी मायूसी देखने को मिलती है. हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण पूरी तरह से नहीं हट पाए.

जयपुर. जमवारामगढ़ बांध के 123वें स्थापना दिवस के अवसर पर रंग-बिरंगी रोशनी से जमवारामगढ़ बांध की खूबसूरती देखने लायक थी. दूर-दूर से लोग रोशनी को देखने के लिए बांध पर पहुंचे और बांध की खूबसूरती को निहारा रहे थे. लोगों ने इन खूबसूरत पलों को अपने कैमरे में भी कैद किया. जमवारामगढ़ बांध के स्थापना दिवस के अवसर पर रिलाइव जमवारामगढ़ मिशन के तत्वाधान में बांध पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान संगोष्ठी कार्यक्रम भी आयोजित हुआ, जिसमें काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया.

उत्साह के साथ मनाया गया जमवारामगढ़ बांध का 123वां स्थापना दिवस

बता दें कि जमवारामगढ़ बांध की नीव 30 दिसंबर 1897 में रखी गई थी, जिसके बाद 1903 में बांध बनकर तैयार हुआ था. बांध की भराव क्षमता 65 फीट और केचमेंट एरिया 769 वर्ग किलोमीटर है. इसमें पानी की क्षमता 75 मिलीयन क्यूबीक मीटर है. साल 1931 में लंबे समय तक रामगढ़ बांध ने जयपुर की जनता की प्यास बुझाई थी. साल 1982 में रामगढ़बांध में एशियाई नौकायान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था, जिसके बाद बांध विश्व प्रसिद्ध हो गया.

पढ़ेंः 70 अधिकारियों को नए साल पर प्रमोशन का तोहफा, आज जारी होगी वरिष्ठता सूची

रोजाना बांध पर पर्यटकों का आवागमन भी होने लगा था. धीरे-धीरे बांध का पानी सूखता गया और पर्यटकों की आवाजाही भी कम होती गई. जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में कई जगहों पर रसूखदारों के फार्म हाउस रिसोर्ट बने हुए हैं, जिसके चलते बांध में नदियों का पानी नहीं पहुंच पाता है. बाण गंगा नदी और रोड़ा नदी का पानी जमवारामगढ़ बांध में पहुंचता था. इन नदियों के रास्तों में अतिक्रमण होने की वजह से पानी की आवक बंद हो गई. बांध का पानी सूखने से इलाके का जलस्तर भी नीचे चला गया. क्षेत्र में पानी की कमी होने से किसानों के चेहरों पर भी मायूसी देखने को मिलती है. हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण पूरी तरह से नहीं हट पाए.

Intro:जयपुर
एंकर- जयपुर जिले के जमवारामगढ़ बांध का 123 वां स्थापना दिवस मनाया गया। स्थापना दिवस के अवसर पर जमवारामगढ़ बांध को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया।


Body:स्थापना दिवस के अवसर पर रंग-बिरंगी रोशनी से जमवारामगढ़ बांध की खूबसूरती देखने लायक थी। दूर-दूर से लोग रोशनी को देखने के लिए बांध पर पहुंचे और बांध की खूबसूरती को निहारा। लोगों ने इन खूबसूरत पलों को अपने कैमरे में भी कैद किया। जमवारामगढ़ बांध के स्थापना दिवस के अवसर पर रिलाइव जमवारामगढ़ मिशन के तत्वाधान में बांध पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान संगोष्ठी कार्यक्रम भी आयोजित हुआ जिसमें काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

बता दे कि जमवारामगढ़ बांध की नीव 30 दिसंबर 1897 में रखी गई थी। जिसके बाद 1903 में बांध बनकर तैयार हुआ था। बांध की भराव क्षमता 65 फीट और केचमेंट एरिया 769 वर्ग किलोमीटर है। इसमें पानी की क्षमता 75 मिलीयन क्यूबिक मीटर है। वर्ष 1931 में लंबे समय तक रामगढ़ बांध ने जयपुर की जनता की प्यास बुझाई थी। सन 1982 में रामगढ़बांध में एशियाई नौकायान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। जिसके बाद बांध विश्व प्रसिद्ध हो गया। रोजाना बांध पर पर्यटकों का आवागमन भी होने लगा था। धीरे-धीरे बांध का पानी सूखता गया और पर्यटकों की आवाजाही भी कम होती गई।
जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में कई जगहों पर रसूखदारो के फार्म हाउस रिसोर्ट बने हुए हैं। जिसके चलते बांध में नदियों का पानी नहीं पहुंच पाता है। बाणगंगा नदी और रोड़ा नदी का पानी जमवारामगढ़ बांध में पहुंचता था। इन नदियों के रास्तों में अतिक्रमण होने की वजह से पानी की आवक बंद हो गई। बांध का पानी सूखने से इलाके का जलस्तर भी नीचे चला गया। क्षेत्र में पानी की कमी होने से किसानों के चेहरों पर भी मायूसी देखने को मिलती है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण पूरी तरह से नहीं हट पाए।







Conclusion:हालांकि स्थानीय लोगों और कई संस्थानों द्वारा जमवारामगढ़ बांध को जीवित करने के लिए लगातार आंदोलन किया जा रहा है। यमुना नदी का पानी जमवारामगढ़ बांध में लाने की भी मांग की जा रही है। बांध में पानी आने से क्षेत्र का जल स्तर भी ऊंचा होगा और किसानों को भी फायदा मिलेगा। जमवारामगढ़ बांध के पास ही जमुवाय माता का मंदिर है जहां पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचते हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.