जयपुर. जमवारामगढ़ बांध के 123वें स्थापना दिवस के अवसर पर रंग-बिरंगी रोशनी से जमवारामगढ़ बांध की खूबसूरती देखने लायक थी. दूर-दूर से लोग रोशनी को देखने के लिए बांध पर पहुंचे और बांध की खूबसूरती को निहारा रहे थे. लोगों ने इन खूबसूरत पलों को अपने कैमरे में भी कैद किया. जमवारामगढ़ बांध के स्थापना दिवस के अवसर पर रिलाइव जमवारामगढ़ मिशन के तत्वाधान में बांध पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान संगोष्ठी कार्यक्रम भी आयोजित हुआ, जिसमें काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया.
बता दें कि जमवारामगढ़ बांध की नीव 30 दिसंबर 1897 में रखी गई थी, जिसके बाद 1903 में बांध बनकर तैयार हुआ था. बांध की भराव क्षमता 65 फीट और केचमेंट एरिया 769 वर्ग किलोमीटर है. इसमें पानी की क्षमता 75 मिलीयन क्यूबीक मीटर है. साल 1931 में लंबे समय तक रामगढ़ बांध ने जयपुर की जनता की प्यास बुझाई थी. साल 1982 में रामगढ़बांध में एशियाई नौकायान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था, जिसके बाद बांध विश्व प्रसिद्ध हो गया.
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रोजाना बांध पर पर्यटकों का आवागमन भी होने लगा था. धीरे-धीरे बांध का पानी सूखता गया और पर्यटकों की आवाजाही भी कम होती गई. जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में कई जगहों पर रसूखदारों के फार्म हाउस रिसोर्ट बने हुए हैं, जिसके चलते बांध में नदियों का पानी नहीं पहुंच पाता है. बाण गंगा नदी और रोड़ा नदी का पानी जमवारामगढ़ बांध में पहुंचता था. इन नदियों के रास्तों में अतिक्रमण होने की वजह से पानी की आवक बंद हो गई. बांध का पानी सूखने से इलाके का जलस्तर भी नीचे चला गया. क्षेत्र में पानी की कमी होने से किसानों के चेहरों पर भी मायूसी देखने को मिलती है. हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण पूरी तरह से नहीं हट पाए.