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सीलबंद पानी की बोतल में कचरा, कंपनी पर एक लाख रुपए का हर्जाना

सीलबंद पानी की बोतल में गंदगी होने के मामले में जिला मंच उपभोक्ता संरक्षण ने विक्रेता और कपंनी पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही मंच ने पांच हजार रुपए परिवाद व्यय के तौर पर अतिरिक्त अदा करने को कहा है.

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Published : Feb 21, 2020, 8:56 PM IST

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एक लाख रुपए का हर्जाना

जयपुर. जिला मंच उपभोक्ता संरक्षण ने सीलबंद पानी की बोतल में गंदगी होने के मामले में युनाइटेड ब्रेवरेज लि. और विक्रेता पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही मंच ने पांच हजार रुपए परिवाद व्यय के तौर पर अतिरिक्त अदा करने को कहा है. मंच ने यह आदेश सैयद मिरोज अली के परिवाद पर दिए है.

परिवाद में कहा गया कि वह अपने रिश्तेदार से मिलने 9 मई 2011 को निजी अस्पताल गया था. वहां उसने 12 रुपए देकर पानी की बोलत खरीदी थी. बोतल को देखने पर पता चला कि उसने फंगस लगा हुआ है. परिवादी ने जब केंटीन संचालक से बोलत बदलने को कहा तो उसने बोतल बदलने से इंकार कर दिया. इस पर परिवादी ने मंच में परिवाद पेश किया.

पढ़ेंः प्रदेश के करीब 8 लाख कर्मचारी सरकार से नाखुश, 24 से 28 फरवरी तक धरना

मंच के आदेश पर मुख्य सार्वजनिक विश्लेषक राज्य केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला ने बोतल की जांच की है. जिसमें आया कि बोतल में काले रंग का कचरा था और बोतल का पानी खाद्य सुरक्षा कानून 2006 के तहत सब स्टैंडर्ड पाया गया. इस पर मंच ने विक्रेता और कपंनी पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

जयपुर. जिला मंच उपभोक्ता संरक्षण ने सीलबंद पानी की बोतल में गंदगी होने के मामले में युनाइटेड ब्रेवरेज लि. और विक्रेता पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही मंच ने पांच हजार रुपए परिवाद व्यय के तौर पर अतिरिक्त अदा करने को कहा है. मंच ने यह आदेश सैयद मिरोज अली के परिवाद पर दिए है.

परिवाद में कहा गया कि वह अपने रिश्तेदार से मिलने 9 मई 2011 को निजी अस्पताल गया था. वहां उसने 12 रुपए देकर पानी की बोलत खरीदी थी. बोतल को देखने पर पता चला कि उसने फंगस लगा हुआ है. परिवादी ने जब केंटीन संचालक से बोलत बदलने को कहा तो उसने बोतल बदलने से इंकार कर दिया. इस पर परिवादी ने मंच में परिवाद पेश किया.

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मंच के आदेश पर मुख्य सार्वजनिक विश्लेषक राज्य केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला ने बोतल की जांच की है. जिसमें आया कि बोतल में काले रंग का कचरा था और बोतल का पानी खाद्य सुरक्षा कानून 2006 के तहत सब स्टैंडर्ड पाया गया. इस पर मंच ने विक्रेता और कपंनी पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

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