जयपुर. राजस्थान लोकसेवा आयोग RAS मेन्स परीक्षा 25-26 फरवरी को करवाने जा रहा है. जबकि RAS प्रारंभिक में सफल अभ्यर्थी इस परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
इसी मांग को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने आज शनिवार को शहीद स्मारक पर धरना देकर प्रदर्शन किया (Aspirant protest against RPSC) और नारेबाजी की. इनका कहना है कि सिलेबस बदलने पर UPSC अभ्यर्थियों को करीब 8 महीने का समय देती है. जबकि RAS मैन्स का करीब 70 फीसदी सिलेबस बदलने के बाद भी RPSC केवल तीन महीने का समय दे रही है. इतने कम समय में तैयारी संभव नहीं है.
दरअसल, RAS प्रारंभिक परीक्षा 27 अक्टूबर 2021 को हुई थी. जिसका परिणाम 19 नवंबर 2021 को जारी किया गया. इसके एक सप्ताह बाद ही RAS मैन्स परीक्षा 25-26 फरवरी को आयोजित करवाने की घोषणा कर नया सिलेबस जारी कर दिया.
आंदोलनरत अभ्यर्थियों का कहना है कि RPSC (Candidates on UPSC Vs RPSC) बार-बार कैलेंडर के आधार पर परीक्षा करवाने का दावा कर रही है. लेकिन कैलेंडर फॉरमेट को पूरी तरह फॉलो नहीं किया जा रहा है. UPSC एक साल पहले आवेदन तिथि, परीक्षा तिथि और सिलेबस की घोषणा कर देती है. यदि सिलेबस में बदलाव होता है तो अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए करीब 8 महीने का समय दिया जाता है. लेकिन यहां RPSC ने करीब 70 फीसदी सिलेबस बदलकर तीन महीने ही तैयारी के लिए दिए हैं. यह ठीक नहीं है.
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अभ्यर्थियों का कहना है कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की प्रक्रिया विज्ञप्ति जारी होने से ही शुरू होती है. नियमानुसार, विज्ञप्ति जारी करते समय ही प्रारंभिक और मैन्स के सिलेबस के बारे में RPSC को स्थिति साफ करनी (Candidates on UPSC Vs RPSC) चाहिए. लेकिन मैन्स परीक्षा से तीन महीने पहले सिलेबस में बड़ा बदलाव किया गया.
अभ्यर्थियों का कहना है कि साइंस, मैनेजमेंट जैसे तकनीकी विषयों का सिलेबस भी 70 फीसदी तक बदल (Candidates on UPSC Vs RPSC) दिया गया है. ऐसे में तीन महीने में तैयारी संभव नहीं है. उनका यह भी कहना है कि खास तौर पर लड़कियों के लिए यह ज्यादा परेशान करने वाला है. क्योंकि उनके पास सीमित अवसर होते हैं.