जयपुर. नगर निगम ग्रेटर महापौर और तीन पार्षदों के निलंबन के मामले में भड़की सियासत के बीच भाजपा ने बुधवार को ट्विटर पर #डिक्टेटर_गहलोत" (#dictator_Gehlot ) अभियान चलाया है. प्रदेश सरकार (Government of Rajasthan) के महापौर और पार्षदों के निलंबन से जुड़े निर्णय के खिलाफ चलाए गए इस अभियान में सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया (Leader of the Opposition of Rajasthan), राजेंद्र राठौड़ अरुण चतुर्वेदी सहित प्रदेश भाजपा के कई आला नेता और कार्यकर्ता जुडे. जिसने गहलोत सरकार के खिलाफ ट्विटर पर हल्ला बोला.
सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने ट्वीट करते हुए लिखा कि लोकतंत्र को अपमानित करना ही कांग्रेस की विचारधारा है. क्योंकि जो सरकार अपने समस्त आदेश रात के अंधेरे में निकालती हो, अपनी जनता, जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ताओं को अंधेरे में रखती हो. लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए लोगों को आधी रात में हटा देती हो, उसका मुखिया क्या होगा #डिक्टेटर गहलोत.
पूनिया ने यह भी लिखा है कि जून 1975 में जब देश में आपातकाल लगा तो हमारे मुख्यमंत्री उस समय राजनीति में आए ही थे. स्वयं को गांधीवादी कहलाते थे, लेकिन जब गुट्टी ही तानाशाही की हो तो गुण भी ऐसे ही होंगे. सतीश पूनिया ने एक अन्य ट्वीट के जरिए उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता यूपीए सरकार में मंत्री रहे और पूर्व लोकसभा सांसद जतिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने का स्वागत किया है.
प्रजातंत्र का गला घुटने का काम डिक्टेटरशिप में ही आता है : राजेंद्र राठौड़
प्रतिपक्ष के उपनेता राजन राठौर ने भी ट्वीट के जरिए और बयान जारी कर इस मामले में गहलोत सरकार को घेरा है. राठौड़ ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश सरकार ने प्रजातंत्र का गला घोटने का काम किया है. वह डिक्टेटरशिप में ही आता है. लोकतंत्र में जब कभी राजतंत्र स्थापित करने की कोशिश हुई. तब जनता ने उसका पुरजोर विरोध किया है. आज सोशल मीडिया और मीडिया पर भी इसी प्रकार का एक अभियान चल रहा है. जिसमें मैंने समर्थन दिया है. जिस प्रकार का कृत्य महापौर और पार्षदों के निलंबन का निर्णय निकालकर प्रदेश सरकार ने किया है. उसके बाद सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आ रहा है.
जिस प्रकार तानाशाही का रवैया सरकार का है, उसका पुरजोर तरीके से करेंगे विरोध: अरुण चतुर्वेदी
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा अरूण चतुर्वेदी ने भी गहलोत सरकार को घेरा. कहा जिस प्रकार का निर्णय प्रदेश सरकार ने किया है, वह सीधे तौर पर एक तानाशाह का रवैया अपनाकर किया गया है. इसलिए भाजपा ने "डिक्टेटर_गहलोत" के नाम पर एक हैशटैग अभियान ट्विटर पर चलाया है. इसी तरह नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और भाजपा से जुड़े सांसद प्रदेश पदाधिकारी व अन्य नेताओं ने भी ट्विटर पर इस कैंपेन में शामिल होते हुए गहलोत सरकार पर हमला बोला है.
वसुंधरा राजे ने कैंपेन के तहत नहीं किया ट्वीट..लेकिन नहरों में जहरीली दूषित पानी का मामला उठाया..
उधर, दोपहर तक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश भाजपा के ट्विटर पर चलाए गए इस कैंपेन के तहत प्रदेश सरकार के खिलाफ कोई ट्वीट नहीं किया. एक अन्य ट्वीट में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ क्षेत्र की नहरों में पंजाब से आ रहे जहरीली दूषित जल से इंसानों और फसलों को हो रहे नुकसान का मामला उठाया है. राज्य सरकार पंजाब सरकार से इस मामले में बात कर नहरों में दूषित पानी की समस्या का जल्द समाधान करें, इस बारे में भी लिखा है. जिससे स्थानीय लोगों को स्वच्छ जल मिल सके.