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Single Use Plastic Ban : 'कैट' ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने में केंद्र सरकार से मांगा एक साल का समय, बताई ये वजह

1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक बंद करने के आदेश जारी हो चुके (Single use plastic ban from 1st July) हैं. इसी बीच कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रतिबंध लगाने की डेट को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है. कैट ने सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प तलाशने के लिए एक संयुक्त कमेटी का गठन किया है. कैट पदाधिकारियों ने अचानक सिंगल यूज प्लास्टिक के बंद होने से इससे जुड़े कारोबारियों और कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान का हवाला दिया है.

CAIT demands to postpone single use plastic ban for one year
कैट ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने में केंद्र सरकार से मांगा एक साल का समय, बताई ये वजह
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Published : Jun 26, 2022, 8:46 PM IST

जयपुर. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिख सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की अंतिम तिथि 1 जुलाई 2022 से एक साल आगे बढ़ाने का आग्रह किया (CAIT demands to postpone single use plastic ban) है. साथ ही इस गंभीर मुद्दे पर सरकारी अधिकारियों और हितधारकों के प्रतिनिधियों को सिंगल यूज प्लास्टिक के समान विकल्पों का सुझाव देने के लिए एक संयुक्त कमेटी का गठन करने की भी अपील की है. समयबद्ध निर्देश जारी करें, ताकि बिना किसी व्यवधान के देश में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद कर सकें.

ये पत्र महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होने वाले 'कैट' के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के 100 से ज्यादा व्यापारी नेताओं की ओर से विचार-विमर्श के बाद जारी किया गया. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पदाधिकारियों की माने तो पर्यावरण का प्रदूषण मानव सभ्यता के लिए एक बड़ा खतरा है और पर्यावरण की रक्षा के लिए सुधारात्मक कदमों की बहुत आवश्यकता है. लेकिन किसी भी प्रतिबंध को लागू करने से पहले, उपयोग को स्थानांतरित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था को तैयार रखना और भी आवश्यक है.

पढ़ें: 1 जूलाई से बैन होगा 'सिंगल यूज प्लास्टिक', पूर्ण प्रतिबंध के लिए समझाइश के साथ कड़ाई भी जरूरी

'कैट' के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गोयल और महामंत्री सुरेंद्र बज ने कहा कि ये नहीं भूलना चाहिए कि लंबे समय में सिंगल यूज प्लास्टिक देश में लाखों लोगों को रोजगार देने वाला और 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का वार्षिक कारोबार करने वाला एक बहुत बड़ा उद्योग बन गया है. सिंगल यूज प्लास्टिक उद्योग में बैंकों और वित्तीय संस्थानों की एक बड़ी हिस्सेदारी है और बिना कोई समान विकल्प प्रदान किए पूर्ण प्रतिबंध की स्थिति से व्यापार जगत को नुकसान होगा और एक बड़ा वित्तीय संकट खड़ा (Financial problem after ban on single use plastic) होगा. कई कारोबारी दिवालियापन के कगार पर खड़े हो जाएंगे.

पढ़ें: 1 जुलाई से राजस्थान होगा ईको फ्रेंडली, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया, तो होगी ये कार्रवाई...

आपको बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक का 98 प्रतिशत बहुराष्ट्रीय कंपनियों, कॉर्पोरेट निर्माताओं, उत्पादकों, ई-कॉमर्स कंपनियों, वेयरहाउसिंग हब, उद्योग और अन्य प्रकार की उत्पादन इकाइयों की ओर से अपनी उत्पादन लाइन या तैयार माल की पैकेजिंग में उपयोग किया जाता है. व्यापारियों को निर्माता या मूल स्रोत से जो भी पैकिंग मिलती है, उसमें सामान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है. जब तक इन कंपनियों और विनिर्माण इकाइयों को उत्पादन लाइन में या तैयार माल की पैकिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है, तब तक उपभोक्ता की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग का अवसर हमेशा रहेगा. कैट ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को 1 साल आगे बढ़ाने की मांग करते हुए तर्क दिया ये प्रयोग तभी सफल हो सकता है, जब इसे चरणबद्ध तरीके वैकल्पिक व्यवस्था के साथ लागू किया जाए.

जयपुर. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिख सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की अंतिम तिथि 1 जुलाई 2022 से एक साल आगे बढ़ाने का आग्रह किया (CAIT demands to postpone single use plastic ban) है. साथ ही इस गंभीर मुद्दे पर सरकारी अधिकारियों और हितधारकों के प्रतिनिधियों को सिंगल यूज प्लास्टिक के समान विकल्पों का सुझाव देने के लिए एक संयुक्त कमेटी का गठन करने की भी अपील की है. समयबद्ध निर्देश जारी करें, ताकि बिना किसी व्यवधान के देश में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद कर सकें.

ये पत्र महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होने वाले 'कैट' के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के 100 से ज्यादा व्यापारी नेताओं की ओर से विचार-विमर्श के बाद जारी किया गया. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पदाधिकारियों की माने तो पर्यावरण का प्रदूषण मानव सभ्यता के लिए एक बड़ा खतरा है और पर्यावरण की रक्षा के लिए सुधारात्मक कदमों की बहुत आवश्यकता है. लेकिन किसी भी प्रतिबंध को लागू करने से पहले, उपयोग को स्थानांतरित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था को तैयार रखना और भी आवश्यक है.

पढ़ें: 1 जूलाई से बैन होगा 'सिंगल यूज प्लास्टिक', पूर्ण प्रतिबंध के लिए समझाइश के साथ कड़ाई भी जरूरी

'कैट' के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गोयल और महामंत्री सुरेंद्र बज ने कहा कि ये नहीं भूलना चाहिए कि लंबे समय में सिंगल यूज प्लास्टिक देश में लाखों लोगों को रोजगार देने वाला और 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का वार्षिक कारोबार करने वाला एक बहुत बड़ा उद्योग बन गया है. सिंगल यूज प्लास्टिक उद्योग में बैंकों और वित्तीय संस्थानों की एक बड़ी हिस्सेदारी है और बिना कोई समान विकल्प प्रदान किए पूर्ण प्रतिबंध की स्थिति से व्यापार जगत को नुकसान होगा और एक बड़ा वित्तीय संकट खड़ा (Financial problem after ban on single use plastic) होगा. कई कारोबारी दिवालियापन के कगार पर खड़े हो जाएंगे.

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आपको बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक का 98 प्रतिशत बहुराष्ट्रीय कंपनियों, कॉर्पोरेट निर्माताओं, उत्पादकों, ई-कॉमर्स कंपनियों, वेयरहाउसिंग हब, उद्योग और अन्य प्रकार की उत्पादन इकाइयों की ओर से अपनी उत्पादन लाइन या तैयार माल की पैकेजिंग में उपयोग किया जाता है. व्यापारियों को निर्माता या मूल स्रोत से जो भी पैकिंग मिलती है, उसमें सामान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है. जब तक इन कंपनियों और विनिर्माण इकाइयों को उत्पादन लाइन में या तैयार माल की पैकिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है, तब तक उपभोक्ता की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग का अवसर हमेशा रहेगा. कैट ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को 1 साल आगे बढ़ाने की मांग करते हुए तर्क दिया ये प्रयोग तभी सफल हो सकता है, जब इसे चरणबद्ध तरीके वैकल्पिक व्यवस्था के साथ लागू किया जाए.

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