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कांग्रेस के अंदर संकट खत्म होना अभी बाकी...कैबिनेट विस्तार से तय होगा सियासी संघर्ष का परिणाम

राजस्थान विधानसभा में बहुमत साबित होने के बाद गहलोत सरकार पर पर आया सियासी संकट भले ही टल गया हो, लेकिन पार्टी के अंदर संकट खत्म होना अभी बाकी है. सरकार और संगठन दोनों के लिए सबसे बड़ी परेशानी मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार को लेकर है, जिस पर सबकी नजरें रहेंगी.

Rajasthan political news, जयपुर न्यूज
राजस्थान में सियासी संकट
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Published : Aug 17, 2020, 12:46 PM IST

जयपुर. अविनाश पांडे की जगह अजय माकन को राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी बनाया जाना भले ही पायलट कैंप की जीत मानी जा रही हो, लेकिन राजस्थान में सियासी संग्राम के बाद पायलट कैंप को क्या मिलेगा, ये कैबिनेट की विस्तार से तय होगा. सूत्रों से जानकारी आ रही है कि पायलट चाहते हैं कि उनके कोटे से 6 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री बनाए जाएं.

कैबिनेट विस्तार पर होंगी सबकी नजरें

राजस्थान विधानसभा में अशोक गहलोत सरकार ने अपना बहुमत साबित कर दिया है. उसके बाद राजस्थान का सियासी संकट अब भले ही टल गया हो, लेकिन अब पायलट और गहलोत कैंप को क्या कुछ मिलेगा, इसका निर्णय राजस्थान में आगामी समय में होने वाला कैबिनेट विस्तार ही बताएगा. हालांकि, पायलट कैंप की सबसे ज्यादा नाराजगी प्रभारी अविनाश पांडे से थी. जिसके बाद अब अविनाश पांडे की छुट्टी कर दी गई है. पांडे की जगह अजय माकन को नया राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है. इसे भले ही पायलट कैंप की पहली जीत मानी जा रही हो, लेकिन अब भी इस पूरे सियासी घटनाक्रम में अपने सभी पद गंवा चुके पायलट कैंप के हाथ खाली हैं.

यह भी पढ़ें. AICC का बड़ा निर्णय: अजय माकन बने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी, तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित

कैबिनेट फेरबदल और विस्तार में ही यह पता लगेगा कि पायलट कैंप के हाथ क्या लगा है. कहा जा रहा है कि अब राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार की कवायद शुरू हो चुकी है. इस कवायद में कांग्रेस आलाकमान का अहम रोल होगा. कहा जा रहा है कि सितंबर में यह मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा. इस बार जो सबसे रोचक बात निकल कर आ रही है वह यह है कि हर बार जो मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा योगदान जाति और क्षेत्र का रहा करता था. इस बार वह कहने को भले ही इसी को आधार बताया जाए, लेकिन यह चयन पायलट और गहलोत खेमों के तौर पर होगा.

अपने कोटे से पायलट चाहते हैं 6 कैबिनेट मिनिस्टर...

राजस्थान में चली 32 दिन की सियासी लड़ाई में पायलट कैंप को तीन कैबिनेट मंत्री गंवाने पड़े. चाहे खुद सचिन पायलट का उपमुख्यमंत्री का पद हो, चाहे रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह के मंत्री पद. ऐसे में इस लड़ाई में असली नुकसान केवल पायलट कैंप का हुआ है. अब इतने लंबे संघर्ष के बाद सचिन पायलट चाहते हैं कि भले ही वह अब कोई पद ना ले लेकिन उनके कैंप के 6 विधायकों को कैबिनेट मंत्री और दो से तीन राज्य मंत्री बनाए जाएं.

यह भी पढ़ें. जस्टिस इंद्रजीत महांति की कोरोना रिपोर्ट मामला, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने RUHS से मांगा जवाब

पायलट कैंप के संभावित नामों में हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, विजेंद्र ओला, मुरारी लाल मीणा शामिल है. वहीं, राज्यमंत्री के तौर पर मुकेश भाकर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, वेद सोलंकी, राकेश पारीक और जीआर खटाना, हरीश मीना में से 3 नाम राज्यमंत्री के तौर पर हो सकते हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो पायलट कैंप के अदर कुल छह मंत्री भी कैबिनेट में आ जाते हैं तो यह इस कैंप के लिए जीत की तरह देखा जाएगा.

अभी गहलोत मंत्रिमंडल में हैं 22 मंत्री...

गहलोत मंत्रिमंडल में वर्तमान में 22 मंत्री हैं. मास्टर भंवरलाल मेघवाल गंभीर रूप से बीमार हैं और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुके हैं. ऐसे में एक पर एक व्यक्ति सिद्धांत के चलते संभवत: वह अपने पद को स्वयं ही छोड़ दें. गहलोत कैबिनेट में सीधे-सीधे 10 मंत्रियों की जगह बच जाती है. वहीं, परफॉर्मेंस के आधार पर अभी 4 से 5 मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. ऐसे में कहा जा सकता है कि गहलोत मंत्रिमंडल में 15 नए मंत्री शामिल होंगे. जिनमें से कम से कम 6 से अधिक पायलट कैंप से होंगे.

जयपुर. अविनाश पांडे की जगह अजय माकन को राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी बनाया जाना भले ही पायलट कैंप की जीत मानी जा रही हो, लेकिन राजस्थान में सियासी संग्राम के बाद पायलट कैंप को क्या मिलेगा, ये कैबिनेट की विस्तार से तय होगा. सूत्रों से जानकारी आ रही है कि पायलट चाहते हैं कि उनके कोटे से 6 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री बनाए जाएं.

कैबिनेट विस्तार पर होंगी सबकी नजरें

राजस्थान विधानसभा में अशोक गहलोत सरकार ने अपना बहुमत साबित कर दिया है. उसके बाद राजस्थान का सियासी संकट अब भले ही टल गया हो, लेकिन अब पायलट और गहलोत कैंप को क्या कुछ मिलेगा, इसका निर्णय राजस्थान में आगामी समय में होने वाला कैबिनेट विस्तार ही बताएगा. हालांकि, पायलट कैंप की सबसे ज्यादा नाराजगी प्रभारी अविनाश पांडे से थी. जिसके बाद अब अविनाश पांडे की छुट्टी कर दी गई है. पांडे की जगह अजय माकन को नया राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है. इसे भले ही पायलट कैंप की पहली जीत मानी जा रही हो, लेकिन अब भी इस पूरे सियासी घटनाक्रम में अपने सभी पद गंवा चुके पायलट कैंप के हाथ खाली हैं.

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कैबिनेट फेरबदल और विस्तार में ही यह पता लगेगा कि पायलट कैंप के हाथ क्या लगा है. कहा जा रहा है कि अब राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार की कवायद शुरू हो चुकी है. इस कवायद में कांग्रेस आलाकमान का अहम रोल होगा. कहा जा रहा है कि सितंबर में यह मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा. इस बार जो सबसे रोचक बात निकल कर आ रही है वह यह है कि हर बार जो मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा योगदान जाति और क्षेत्र का रहा करता था. इस बार वह कहने को भले ही इसी को आधार बताया जाए, लेकिन यह चयन पायलट और गहलोत खेमों के तौर पर होगा.

अपने कोटे से पायलट चाहते हैं 6 कैबिनेट मिनिस्टर...

राजस्थान में चली 32 दिन की सियासी लड़ाई में पायलट कैंप को तीन कैबिनेट मंत्री गंवाने पड़े. चाहे खुद सचिन पायलट का उपमुख्यमंत्री का पद हो, चाहे रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह के मंत्री पद. ऐसे में इस लड़ाई में असली नुकसान केवल पायलट कैंप का हुआ है. अब इतने लंबे संघर्ष के बाद सचिन पायलट चाहते हैं कि भले ही वह अब कोई पद ना ले लेकिन उनके कैंप के 6 विधायकों को कैबिनेट मंत्री और दो से तीन राज्य मंत्री बनाए जाएं.

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पायलट कैंप के संभावित नामों में हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, विजेंद्र ओला, मुरारी लाल मीणा शामिल है. वहीं, राज्यमंत्री के तौर पर मुकेश भाकर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, वेद सोलंकी, राकेश पारीक और जीआर खटाना, हरीश मीना में से 3 नाम राज्यमंत्री के तौर पर हो सकते हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो पायलट कैंप के अदर कुल छह मंत्री भी कैबिनेट में आ जाते हैं तो यह इस कैंप के लिए जीत की तरह देखा जाएगा.

अभी गहलोत मंत्रिमंडल में हैं 22 मंत्री...

गहलोत मंत्रिमंडल में वर्तमान में 22 मंत्री हैं. मास्टर भंवरलाल मेघवाल गंभीर रूप से बीमार हैं और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुके हैं. ऐसे में एक पर एक व्यक्ति सिद्धांत के चलते संभवत: वह अपने पद को स्वयं ही छोड़ दें. गहलोत कैबिनेट में सीधे-सीधे 10 मंत्रियों की जगह बच जाती है. वहीं, परफॉर्मेंस के आधार पर अभी 4 से 5 मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. ऐसे में कहा जा सकता है कि गहलोत मंत्रिमंडल में 15 नए मंत्री शामिल होंगे. जिनमें से कम से कम 6 से अधिक पायलट कैंप से होंगे.

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