जयपुर. गहलोत मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हो रहे हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) ने कहा है कि पूर्व में विधानसभा सदस्य से इस्तीफा उन्होंने मंत्री पद की लालसा में नहीं दिया था और न ही उन्होंने मंत्री पद मांगा था. लेकिन अब पार्टी ने जो जिम्मेदारी सरकार में दी है उसे पूरी ईमानदारी से निभाउंगा. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान हेमाराम चौधरी ने यह बात कही.
गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Cabinet reorganization in Rajasthan) में बतौर कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) शामिल हो रहे हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) कहते हैं उनकी पहली प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की रहेगी और जिस तरह गांव में बिजली और पानी की समस्या है उसे दूर करने को लेकर वे प्रयास करेंगे. हालांकि, चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार में उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसका वह पूरी ईमानदारी से पालन करते हुए निभाएंगे.
2023 में कांग्रेस बनाएगी फिर बनाएगी सरकार
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जब हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) से पूछा कि उन्होंने पूर्व में जो विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भेजा था आपके उनकी नाराजगी दूर हो गई तो चौधरी ने कहा कि इस्तीफा मैंने क्षेत्र में काम नहीं हो पाने के कारण दिया था. लेकिन वह नाराजगी बाद में दूर हो गई और अब पार्टी ने मुझे नई जिम्मेदारी दी है तो उसे निभाऊंगा.
चौधरी (Hemaram Choudhary) ने यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद अब राजस्थान कांग्रेस के नेताओं में किसी प्रकार का कोई मनभेद या मतभेद नहीं है. पूरी पार्टी राजस्थान में एकजुट है और साल 2023 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीतकर प्रदेश में वापस सरकार बनाएगी.