जयपुर. कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर (Heritage Mayor Munesh Gurjar) की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. प्रशासन शहरों के संग अभियान में मंत्री के निर्देश के बाद भी सबडिवीजन का एक प्रकरण निस्तारित नहीं होने से गुस्साए खाचरियावास ने महापौर को खरी-खरी सुनाई. खाचरियावास ने कहा कि हेरिटेज में उनके मीटिंग लेने के बाद भी काम नहीं हुआ, फिर आप किस बात की मेयर हो. मंत्री खुद मीटिंग लेकर आ गया लेकिन कोई सीरियस नहीं है. मेयर आपसे काम नहीं हो रहा था तो जवाब तो दो.
प्रशासन शहरों के संग अभियान की धीमी रफ्तार और बढ़ती पेंडेंसी से नाराज खाचरियावास (Khachariyawas reprimanded Heritage Mayor) ने मंच से ही नगर निगम अधिकारियों और महापौर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि नगर निगम वाले क्या चाहते हैं समझ नहीं आता. मंत्री मीटिंग लेकर आ गया फिर भी एक व्यक्ति के सब डिवीजन जैसा काम भी अटका पड़ा है. क्योंकि अभियान को लेकर कोई सीरियस नहीं है. उन्होंने मेयर को लताड़ते से हुए कहा कि खुद प्रताप सिंह खाचरियावास हेरिटेज निगम आया एक मंत्री आया आपको इसकी टेंशन नहीं है. सब डिवीजन का एक काम बताया वो आपसे नहीं हो रहा है तो आप कम से कम जवाब तो दो.
उन्होंने मेयर को नसीहत देते हुए कहा कि यदि कोई अधिकारी काम नहीं कर रहा है, तो उसके खिलाफ नोटशीट चलाओ, जवाब लो, फिर भी काम नहीं होता है तो यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से कहो. उनके पास सस्पेंड करने जैसी सारी पावर है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपनी जमीन का सबडिवीजन चाह रहा है. सरकार तो पट्टे दे रही है, सब डिवीजन के काम में फाइल 1 साल तक रुकी रहे, इससे बड़ा पाप कुछ नहीं हो सकता.
वहीं खाचरियावास ने अधिकारियों को भी लताड़ते हुए कहा कि आप पट्टे नहीं दे रहे, आप पट्टे दे रहे हो शासन के आदेश पर. ऐसे में जिम्मेदारी शासन की है. हाईकोर्ट में कोई अधिकारी कर्मचारी जवाब नहीं दे रहा, कोर्ट में जवाब सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल दे रहा है. निगम के अधिकारियों की काम टालने की प्रवृत्ति पड़ गई है. उन्होंने चित्तौड़गढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के अधिकारी काम कर रहे हैं. वहां 98 प्रतिशत आवेदकों को पट्टे दिए जा चुके हैं. लोग किसी अधिकारी को नहीं पकड़ते वो जनप्रतिनिधि को पकड़ते हैं, जवाब जनप्रतिनिधि को देना है. इसलिए सरकार का काम करना जिम्मेदारी है.
इस पर महापौर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सिविल लाइन जोन में सबसे कम पट्टे दिए गए. इस पर जोन उपायुक्त को नोटिस भी दिया गया. हालांकि नगर निगम हेरिटेज में मेयर होने के नाते यदि कोई अधिकारी लापरवाही करता है तो उसकी जिम्मेदारी उन्हीं की है. सब डिवीजन के प्रकरण में जहां पर भी डिले हुआ है, उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर खाचरियावास ने ये भी स्पष्ट ये अभियान 2 साल तक चलेगा. जिसके भी पट्टे बाकी है सभी को दिए जाएंगे. वो खुद अब जेडीए और नगर निगम में बैठेंगे. कॉलोनी वाइज डिस्कस किया जाएगा. जो अधिकारी काम नहीं करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने अब तक अभियान के नजरिए से बहुत ही छूट दी है. फिर भी जरूरत पड़ेगी तो सरकार से और छूट दिलाई जाएगी. आम आदमी को उसकी जमीन का पट्टा दिया जाएगा.