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7 संकल्पों पर आधारित बजट 2020-21 पर क्या कहते हैं सीए, जानिए...

प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दूसरे बजट यानी बजट 2020-21 में विभिन्न तरह के करों में छूट दी है. साथ ही सरकार ने कोई नया टैक्स भी नहीं लगाया है. इसी को लेकर ईटीवी भारत के जरिए आईए जानते हैं, कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की राय.

बजट 2020-21,  budget 2020-21
बजट 2020-21
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Published : Feb 21, 2020, 9:56 AM IST

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विधानसभा में बजट पेश किया. उन्होंने इस बजट को निरोगी राजस्थान सहित 7 संकल्पों पर आधारित बताया. साथ ही कोई नया टैक्स लागू नहीं करते हुए, 130 करोड़ रुपए के टैक्स में छूट का ऐलान किया गया. बजट को लेकर इटीवी भारत ने जिले के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से चर्चा की.

बजट 2020-21 पर क्या कहते हैं सीए (पार्ट-1)

चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि जब तक अकाउंटेबिलिटी और प्रोडक्टिविटी को नहीं बढ़ाया जाता, तब तक राज्य सरकार और आम जनता पर ही अतिरिक्त भार पड़ेगा. बजट में नौकरियां देने से लेकर हर वर्ग को संतुष्ट करने की कोशिश की गई. वहीं कोई नया टैक्स लागू नहीं करते हुए, 130 करोड़ रुपए के टैक्स में छूट का ऐलान किया गया. बजट को लेकर प्रदेश के चार्टर्ड अकाउंटेंट ने बताया कि व्यापारियों को इस बजट के बाद राहत मिलेगी. वे अपने पेंडिंग केस का निपटारा कर सकेंगे. इससे राज्य सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.

बजट 2020-21 पर क्या कहते हैं सीए (पार्ट-2)

वहीं आर्थिक मंदी के इस दौर में बिल्डर्स को भी सपोर्ट देते हुए, वेट 41 का कंसेप्ट दिया है. स्टेट लेवल पर जयपुर और जोधपुर में जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल की स्थापना के लिए, सेंट्रल गवर्नमेंट को रिकमेंडेशन देने की बात कही गई है. वहीं बजट में नई नगर पालिकाओं के गठन, 9 जिला मुख्यालयों पर टाउन हॉल, जोधपुर में पर्यटन साहित्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक ऑडिटोरियम, सीवर की सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन के निस्तारण के लिए 176 करोड़ रुपए के यंत्र और उपकरण खरीदने, नए एलिवेटेड और आरओबी बनाए जाने, जयपुर में कोचिंग हब, इसके अलावा ग्रुप हाउसिंग योजनाओं की डीएलसी दरों में व्याप्त विसंगतियों को दूर कर रियल एस्टेट में निवेश और उद्योगों की स्थापना को बजट में शामिल किया गया है.

बजट 2020-21 पर क्या कहते हैं सीए (पार्ट-3)

पढ़ें: सीएम ने सड़क दुर्घटना के लिए किए गंभीर प्रयास, पेयजल और ऊर्जा पर भी खास ध्यान

हालांकि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने बताया कि राज्य सरकार के पास फंड की उपलब्धता कम है. बावजूद इसके बड़ी घोषणाएं की गई हैं. इससे सरकार और आम जनता पर ही अतिरिक्त भार पड़ेगा. इसके लिए अब अकाउंटेबिलिटी और प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना होगा. तब ही सरकार की ये घोषणाएं धरातल पर सार्थक हो सकेंगी.

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विधानसभा में बजट पेश किया. उन्होंने इस बजट को निरोगी राजस्थान सहित 7 संकल्पों पर आधारित बताया. साथ ही कोई नया टैक्स लागू नहीं करते हुए, 130 करोड़ रुपए के टैक्स में छूट का ऐलान किया गया. बजट को लेकर इटीवी भारत ने जिले के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से चर्चा की.

बजट 2020-21 पर क्या कहते हैं सीए (पार्ट-1)

चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि जब तक अकाउंटेबिलिटी और प्रोडक्टिविटी को नहीं बढ़ाया जाता, तब तक राज्य सरकार और आम जनता पर ही अतिरिक्त भार पड़ेगा. बजट में नौकरियां देने से लेकर हर वर्ग को संतुष्ट करने की कोशिश की गई. वहीं कोई नया टैक्स लागू नहीं करते हुए, 130 करोड़ रुपए के टैक्स में छूट का ऐलान किया गया. बजट को लेकर प्रदेश के चार्टर्ड अकाउंटेंट ने बताया कि व्यापारियों को इस बजट के बाद राहत मिलेगी. वे अपने पेंडिंग केस का निपटारा कर सकेंगे. इससे राज्य सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.

बजट 2020-21 पर क्या कहते हैं सीए (पार्ट-2)

वहीं आर्थिक मंदी के इस दौर में बिल्डर्स को भी सपोर्ट देते हुए, वेट 41 का कंसेप्ट दिया है. स्टेट लेवल पर जयपुर और जोधपुर में जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल की स्थापना के लिए, सेंट्रल गवर्नमेंट को रिकमेंडेशन देने की बात कही गई है. वहीं बजट में नई नगर पालिकाओं के गठन, 9 जिला मुख्यालयों पर टाउन हॉल, जोधपुर में पर्यटन साहित्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक ऑडिटोरियम, सीवर की सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन के निस्तारण के लिए 176 करोड़ रुपए के यंत्र और उपकरण खरीदने, नए एलिवेटेड और आरओबी बनाए जाने, जयपुर में कोचिंग हब, इसके अलावा ग्रुप हाउसिंग योजनाओं की डीएलसी दरों में व्याप्त विसंगतियों को दूर कर रियल एस्टेट में निवेश और उद्योगों की स्थापना को बजट में शामिल किया गया है.

बजट 2020-21 पर क्या कहते हैं सीए (पार्ट-3)

पढ़ें: सीएम ने सड़क दुर्घटना के लिए किए गंभीर प्रयास, पेयजल और ऊर्जा पर भी खास ध्यान

हालांकि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने बताया कि राज्य सरकार के पास फंड की उपलब्धता कम है. बावजूद इसके बड़ी घोषणाएं की गई हैं. इससे सरकार और आम जनता पर ही अतिरिक्त भार पड़ेगा. इसके लिए अब अकाउंटेबिलिटी और प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना होगा. तब ही सरकार की ये घोषणाएं धरातल पर सार्थक हो सकेंगी.

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