जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बीते 2 महीने के भीतर 3 विधायकों की मौत के बाद अब 6 माह के भीतर प्रदेश में उपचुनाव कराने जरूरी होगा. माना जा रहा है कि मार्च तक यह उपचुनाव करवा लिए जाएंगे, क्योंकि सहाड़ा विधायक कैलाश त्रिवेदी का निधन 6 अक्टूबर को हुआ था. उस लिहाज से मार्च तक उनके खाली सीट पर उपचुनाव कराना जरूरी है. ऐसे में उपचुनाव होंगे तो फिर तीनों खाली सीटों पर एक साथ ही होंगे.
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कांग्रेस और भाजपा को ढूंढने होंगे जिताऊ प्रत्याशी
मौजूदा खाली 3 सीटों में से सहाड़ा और सुजानगढ़ 2 सीटू पर कांग्रेस का और राजसमंद की एक सीट पर भाजपा का कब्जा था. ऐसे में अब जब चुनाव होंगे तब दोनों ही राजनीतिक दल चाहेंगे कि उनकी सीट पर जो पुराना कब्जा था, वो तो बरकरार रहे. साथ ही उसकी संख्या में कुछ और इजाफा भी हो. कांग्रेस की बात करें तो सहाड़ा और सुजानगढ़ दोनों ही विधानसभा सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशियों के नाम पर अंदर खाते मंथन शुरू कर दिया है. हालांकि, माना जा रहा है कि इन दोनों ही सीटों पर पार्टी के कुछ दावेदार सामने भी आए हैं. वहीं, जिन विधायकों का निधन हुआ है उनके भी परिवार में से भी किसी को टिकट दिया जा सकता है.
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फिलहाल इन तमाम चीजों पर कांग्रेस के भीतर चिंतन और मनन का दौर जारी है. वहीं, राजसमंद सीट पर भी कांग्रेस को जिताऊ प्रत्याशी की तलाश करनी होगी. इसी तरह बीजेपी को भी इन तीनों ही सीटों पर उपचुनाव की दृष्टि से जिताऊ चेहरे की तलाश होगी. क्योंकि, प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में है. लिहाजा प्रत्याशी चयन और उपचुनाव जीतने में पार्टी को काफी मशक्कत करना होगी. भाजपा के भीतर फिलहाल सहाड़ा और सुजानगढ़ दोनों ही विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर चिंतन मनन का काम शुरू नहीं हुआ. संभवत उप चुनाव की तारीखों का ऐलान के बाद ही पार्टी इस दिशा में आगे कार्रवाई करेगी.