जयपुर. देशभर में बुधवार को बैंकों की हड़ताल है. इसका असर राजस्थान में भी देखने को मिल रहा है. प्रदेश में भी करीब तीन हजार शाखाओं पर कामकाज ठप है यहां तक कि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया में भी काम ठप है. प्रदेश में रिजर्व बैंक, सार्वजनिक, निजी और ग्रामीण और सहकारी बैंकों में कार्यरत 25 हजार अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल में शामिल है. बैंकों की हड़ताल से प्रदेश में लगभग 8 से 10 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा.
हड़ताल में पांच बैंककर्मी संगठनों सहित रिजर्व बैंक एंपलाइज एसोसिएशन और रिजर्व बैंक वर्कर्स यूनियन भी हड़ताल में शामिल है. वहीं स्टेट बैंकों ने हड़ताल नहीं की है, लेकिन उनका हड़ताल को समर्थन है.
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यह है प्रमुख मांगे
केंद्र सरकार की श्रम नीतियों और निजीकरण के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियनों की तरफ से बैंकों की हड़ताल की गई है. रिक्त पड़े पदों को भरे जाने, वेतन समझौता शीघ्र किए जाने, बैंकों की ऋण राशि को वसूली किए जाने, बैंकों के विलय को रोके जाने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल की गई है.
बैंक कर्मचारी संगठन के नेता महेश मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार की श्रम नीतियों और निजीकरण के खिलाफ बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल है. उन्होंने कहा कि बैंकों का विलय किया जा रहा है और विलय का मुख्य कारण नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे लोग बैंकों से करोड़ों लाखों रुपए लूट कर विदेश चले गए. लेकिन, केंद्र सरकार उनसे कोई वसूली नहीं कर रही है. इसलिए केंद्र सरकार बैंकों का विलय कर रही है. उन्होंने बताया कि बैंकों के विलय से शाखाएं कम हो जाएगी जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और ग्राहकों को सुविधाएं नहीं मिल पाएगी.