जयपुर. त्योहारी सीजन में मिलावट की रोकथाम के लिए (business of adulteration on diwali) राज्य सरकार की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है. इस त्योहारी सीजन पर जिला प्रशासन के निर्देश पर चिकित्सा विभाग, पुलिस महकमा और रसद विभाग की ओर से लगातार कार्रवाई कर नकली मावा, पनीर और दूध को जब्त किया जा रहा है. इन खाद्य उत्पादों के सैंपल लेने के बाद मौके पर ही नकली मावा, पनीर और दूध को नष्ट किया जा रहा है. हालांकि चिकित्सा विभाग इन खाद्य पदार्थों की जांच अपनी लैब में करता है लेकिन आप खुद भी मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच घर पर ही आसानी से कर सकते हैं.
जयपुर स्थित राज्य केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में हर वर्ष बड़ी संख्या में खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच के लिए आते हैं. खाद्य पदार्थों की जांच करने वाले एनालिस्ट का कहना है कि दूध, मावा, पनीर में मिलावट का पता घर बैठे भी लगाया जा सकता है. केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला के ट्रेनी एनालिस्ट महेंद्र सैनी का कहना है कि टिंचर आयोडीन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड के माध्यम से दूध, मावा, पनीर आदि में मिलावट की जांच आसानी (how to Check adulterated goods) से की जा सकती है.
इस तरह कर सकते हैं घर पर जांच
दूध में मिलावट की जांच के लिए 5 एमएल दूध में 5 एमएल टिंचर आयोडीन डालिए, यदि उसमें मिलावट है तो रंग गहरा नीला या काला हो जाएगा. दूध में यदि यूरिया की मिलावट है तो 5 एमएल दूध में 5 एमएल डाईमिथाइल पैराएमिनो केमिकल डालें, यदि मिलावट है तो दूध गुलाबी रंग का हो जाएगा जबकि शुद्ध दूध का रंग कॉफी जैसा होगा.
यदि दूध में सोडे की मिलावट की गई है तो फिर 5ml दूध में 5ml स्प्रिट मिलाइए इसके बाद 1 या 2 बूंदे रोजिलिक एसिड मिलाने पर दूध का रंग हल्का गुलाबी हो जाता है तो उसमें सोडे की मिलावट की गई है, जबकि शुद्ध दूध का रंग नहीं बदलेगा.
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पनीर की जांच: मिलावट की जांच करने के लिए मावे में टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदे मिलाएं और यदि रंग गहरा नीला हो जाए तो इसमें मिलावट है. आमतौर पर पनीर में स्टार्च की मिलावट सबसे अधिक की जाती है.
मावे की जांच ऐसे करें: मिलावट की जांच करने के लिए 5ml मावे में 5ml स्प्रिट मिलाइए. इसके बाद 1 या 2 बूंदे रोजिलिक एसिड के मिलाने के बाद यदि मावे का रंग पिंक कलर का हो जाता है तो इसमें मिलावट की गई है जबकि शुद्ध मावे का रंग नहीं बदलेगा.
शुद्ध चांदी का वर्क जलाने पर आसानी से जल जाएगा जबकि मिलावटी नहीं जलेगा
आमतौर पर यह सभी खाद्य पदार्थ वस्तु में हर दिन प्रयोग में आते हैं और घर पर ही आसानी से इन खाद्य पदार्थों की जांच की जा सकती है. इसके अलावा हाल ही में राज्य सरकार की ओर से मिलावट को लेकर एक बिल भी विधानसभा में पारित किया गया है. इसके तहत कुछ धाराओं में संशोधन किया गया है और जब यह कानून प्रदेश में लागू होगा तो उसके बाद मिलावट करना एक गैर जमानती अपराध माना जाएगा और मिलावट खोर पर 1 साल से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान और जुर्माने भी लगाया जा सकेगा.