जयपुर. कोरोना काल के दौरान आर्थिक रूप से भले ही लोगों की स्थिति खराब हुई हो, लेकिन प्रदेश में इस बार अन्नदाता की मेहनत रंग लाई है. प्रदेश में इस साल खरीफ की फसलों का बंपर उत्पादन हुआ है. उत्पादन बढ़ा तो सरकार ने MSP पर खरीद का लक्ष्य भी बढ़ा दिया, लेकिन मौजूदा लक्ष्य की तुलना में उत्पादन इस बार बेहद अधिक है. मतलब किसानों के चेहरे पर खुशियों के साथ गम भी है.
प्रदेश में खरीफ की फसलों की कटाई जारी है. अनुमान है कि इस बार चावल, मक्का, मूंग, तिल, मूंगफली, सोयाबीन, ग्वार और कपास का उत्पादन पिछले साल की तुलना में ज्यादा होगा. सरकारी स्तर पर जो अनुमान लगाया गया है वो इस प्रकार है...
- चावल- पिछले साल प्रदेश में 4.81 लाख मीट्रिक टन चावल का उत्पादन हुआ था और इस साल करीब 7.93 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है.
- मक्का- पिछले साल राजस्थान में 17.65 लाख मीट्रिक टन मक्का उत्पादित हुआ था और इस साल करीब 18.93 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है.
- मूंग- प्रदेश में पिछले साल 13 लाख मीट्रिक टन मूंग का उत्पादन हुआ था और इस साल 14.31 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की उम्मीद है.
- तिल- राज्य में पिछले साल 92 हजार मीट्रिक टन तिल का उत्पादन हुआ था, जो इस साल बढ़कर 1.34 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है.
- मूंगफली- राज्य में पिछले साल 16.12 लाख मीट्रिक टन मूंगफली का उत्पादन हुआ था, जबकि इस साल 18.07 लाख मीट्रिक टन मूंगफली के उत्पादन का अनुमान है.
- सोयाबीन- राजस्थान में पिछले साल 5.25 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था, जबकि इस साल 13.60 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की उम्मीद है.
- ग्वार- प्रदेश में पिछले साल 12.85 लाख मीट्रिक टन ग्वार का उत्पादन हुआ था और इस साल 14.93 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की उम्मीद है.
अब प्रदेश में उत्पादन बढ़ा है तो उसके अनुरूप खरीद का लक्ष्य भी बढ़ना स्वाभाविक है. पिछले साल की तुलना में इस बार सरकार ने MSP (Minimum support price) भी बढ़ाई है और MSP पर खरीद का लक्ष्य भी बढ़ाया है. इस बार सरकार ने प्रदेश में 3.57 लाख मीट्रिक टन, उड़द 71.55 हजार, सोयाबीन 2.92 लाख और मूंगफली 3.74 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा है.
बढ़ाई गई MSP...
इनमें से मूंग के लिए जहां पिछले साल MSP 7050 रुपए थी, जिसे इस साल बढ़ाकर अब 7196 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इसी तरह उड़द पर पिछले साल एमएसपी 5700 रुपए थी, जिसे बढ़ाकर 6000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है. वहीं, मूंगफली के लिए पिछली बार एमएसपी 5090 रुपए थी, जिसे बढ़ाकर इस साल 5275 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है.
इसी तरह सोयाबीन की बात करें तो पिछले साल सोयाबीन की एमएसपी 3710 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई थी, जो इस साल बढ़ाकर 3880 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है. हर साल एमएसपी भी बढ़ती है और खरीद का लक्ष्य भी, लेकिन किसान इससे खुश नहीं है क्योंकि उत्पादन की तुलना में सरकारी खरीद महज 25 फीसदी होती है और कई बार तो उससे भी कम.
18 नवंबर तक होगी खरीद
1 नवंबर से शुरू हुई यह खरीद आगामी 18 नवंबर तक जारी रहेगी. इस दौरान किसान अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं. वहीं, इस बार जितना उत्पादन खरीफ की फसलों का हुआ है, उसकी तुलना में खरीद का बढ़ाया गया लक्ष्य किसानों को बौना ही लगेगा. किसानों को बचा हुआ उत्पादन अपने स्तर पर अन्य व्यापारियों और मंडियों में ही बेचना होगा.