जयपुर. राजस्थान में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के बाद जिला प्रमुख और प्रधान बनाने में कांग्रेस पार्टी की विधानसभा में अपने सहयोगी दल भारतीय ट्राइबल पार्टी के साथ उपजी कड़वाहट अंतिम दौर पर पहुंच गई है. बुधवार को भारतीय ट्राइबल पार्टी ने राजस्थान में कांग्रेस पार्टी से आखिर अपना समर्थन वापस ले लिया है. हालांकि भारतीय ट्राइबल पार्टी के समर्थन वापसी से राजस्थान की कांग्रेस सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि अभी कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों की संख्या 119 है.
वहीं, अब यह साफ है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी दोबारा किसी राजनीतिक उठापटक को झेलने की स्थिति में भी नहीं है, क्योंकि 2 महीने में ही कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या में मास्टर भंवर लाल मेघवाल और कैलाश त्रिवेदी के निधन के चलते 2 की कमी हो गई थी और अब दो भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों के समर्थन वापसी के बाद यह संख्या 4 हो गई है.
अब कांग्रेस की विधानसभा में स्थिति...
कांग्रेस -105: बीते 2 माह में मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल और कैलाश त्रिवेदी के निधन से कांग्रेस की संख्या 107 से घटकर 105 रह गई है.
निर्दलीय-13: तेरह निर्दलीयों का कांग्रेस पार्टी को समर्थन है, लेकिन उनमें से तीन विधायक वह हैं, जो राजनीतिक उठापटक के समय सचिन पायलट के साथ चले गए थे.
राष्ट्रीय लोक दल: राष्ट्रीय लोक दल के एकमात्र विधायक सुभाष गर्ग प्रदेश सरकार में मंत्री हैं.
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ऐसे में कांग्रेस पार्टी के पास अब कुल समर्थन 119 विधायकों का है. राजस्थान में जब राजनीतिक उठापटक हुई थी और कांग्रेस के 19 विधायक नाराज होकर मानेसर चले गए थे, तो एक बारगी कांग्रेस पार्टी के सामने बहुमत नहीं होने का संकट खड़ा हो गया था. न केवल कांग्रेस पार्टी के 19 विधायक, बल्कि तीन निर्दलीय विधायक भी दिल्ली चले गए थे.
इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी के पास अपने दम पर 101 विधायक बच गए थे और अशोक गहलोत सरकार बहुमत साबित करने की स्थिति में थी, लेकिन अगर अब ऐसी स्थिति बनती है तो शायद सरकार के सामने परेशानी खड़ी होगी. हालांकि ऐसी किसी स्थिति की अब आशंका दिखाई नहीं दे रही है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी के खुद के 2 विधायकों का निधन हो चुका है, तो दो बीटीपी के विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है.