जयपुर. 14वीं राजस्थान विधानसभा का 5वां सत्र सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. लेकिन विधानसभा सत्र की शुरुआत में जिन खबरों पर सबसे ज्यादा नजर थी तो वह थी राजस्थान सरकार का विश्वास प्रस्ताव और बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को दी गई कोर्ट में चुनौती.
इनमें से राजस्थान विधानसभा में सरकार ने अपने विश्वास मत पहले ही दिन पा लिया. बीएसपी के विलय को लेकर जहां विधानसभा सत्र के शुरुआती दिन बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को कुछ राहत मिली थी. वहीं, सत्र के अंतिम दिन उन विधायकों को पूरी राहत मिल गई है.
पढ़ें- HC का फैसला, कहा- स्पीकर करें मामले की सुनवाई, दिलावर की याचिका खारिज करने का आदेश रद्द
राजस्थान हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में विधायकों के विलय का मामला अब स्पीकर सीपी जोशी पर छोड़ दिया गया है, जिन्हें आगामी 3 महीने में इस पर अंतिम निर्णय लेना है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट में मदन दिलावर की याचिका को खारिज कर दिया गया. इन दोनों फैसलों के आने के बाद बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए सभी छह के छह विधायक काफी खुश नजर आए. उन्होंने इसे न्याय की जीत करार दिया.
विधायकों ने कहा कि बसपा और भाजपा विलय होने के 10 महीने तक सोती रही और अब अचानक से राजस्थान में सरकार गिराने के लिए उन्होंने यह षड्यंत्र रचा, लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ. इस दौरान विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मायावती भाजपा के साथ मिली हुई हैं. इसीलिए उन्होंने इस मामले को कोर्ट में भिजवाया. वहीं, राजेंद्र गुढ़ा ने अचानक यह कहकर सभी को चौंका दिया कि जो विधायक नाराज होकर गए थे उनके चेहरे की चमक बता रही है कि वह चमक पैसे की है.