जयपुर. पूरे देश में लॉकडाउन 3.0 चल रहा है और इस लॉकडाउन में आवश्यक सेवाओं के अलावा लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगी हुई है. आम जनता सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक आवश्यक कार्य होने पर बाहर निकल सकती है. प्रदेश सहित अन्य राज्यों में आने और जाने के लिए ई-पास की व्यवस्था प्रदेश सरकार की ओर से की गई थी.
लेकिन लोगों की परेशानी को देखते हुए रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पास को लेकर कुछ छूट आम जनता को दी है, जो सिर्फ प्रदेश के लिए है. इसके अलावा अन्य राज्यों में जाने के लिए पास अब भी अनिवार्य है. इसे देखते हुए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में पास बनवाने के लिए दलाल भी सक्रिय हो गए हैं.
बाहरी राज्यों में अनिवार्य पास को देखते हुए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में लोगों की भीड़ उमड़ रही है और इस भीड़ में आम जनता की मजबूरी का दलाल फायदा उठा रहे हैं. प्रदेश सरकार की ओर से पास में ढील देने के बावजूद भी दलाल पूरी तरह से सक्रिय हैं.
लोग किसी भी हाल में अन्य राज्यों से अपने घर लौटना चाहते हैं और इस मजबूरी का फायदा दलाल उठा रहे हैं. दलाल एक पास के एक हजार से लेकर 15 सौ रुपये ले रहे हैं. सोमवार को एक दलाल जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में घूमता हुआ दिखाई दिया. ईटीवी भारत की टीम ने 2 घंटे तक उसके पीछे लग कर उसकी मूवमेन्ट को रिकॉर्ड भी किया.
कलेक्ट्रेट के रूम नंबर 1 में ऑफलाइन पास बनाने का काम किया जा रहा है. इसी का फायदा उठाते हुए दलाल कमरा नंबर 1 तक जाता है और अपने परिचित को दस्तावेज देकर पास बनवा लेता है. जैसे ही पास उसके पास आता है, वह यात्री को पास देकर उनसे पैसे लेता है.
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यह दलाल गेट नंबर गेट एक के आसपास घूमता रहता है और गेट नंबर एक से ही यात्री पास बनवाने के लिए जिला कलेक्ट्रेट में आते हैं. इससे पहले भी दलाल को कई बार कलेक्ट्रेट में देखा गया है. जिससे ये लगता है कि दलाल लगातार पास बनवाता आ रहा है.
वह खुद जाकर यात्री से बात करता है और उसे पास बनवाने के लिए कहता है, जो यात्री जल्द से जल्द बाहर जाना चाहता है वो उसके बहकावे में आ जाता है. ऐसे में जो पास निःशुल्क बन रहा है यात्री उसके 15 सौ रुपये दे रहा है. बाहरी राज्य में जाने वाले यात्रियों को कतार में ही कुछ समय लगता है, इसके अलावा यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो रही है.