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कॉलेज निरीक्षण की रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत लेने वालों को सजा

जयपुर में खुलने वाले चार बीएड और एक एसटीसी कॉलेज की मान्यता के लिए रीडर कौशलेन्द्र कुमार यादव और यूपी की वरिष्ठ व्याख्याता अमृता माहेश्वरी को निरीक्षण करने भेजा गया था. जिसमें सीबीआई को 8 अक्टूबर 2008 को दोनों के खिलाफ रिश्वत लेने की गुप्त सूचना मिली. जिस पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 ने दोनों को ढाई साल की सजा सुनाई है. साथ ही साठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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Published : Jan 28, 2020, 8:45 PM IST

सत्र न्यायालय, jaipur latest news
कॉलेज निरीक्षण की रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत लेने वालों को सजा

जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 ने निजी बीएड और एसटीसी कॉलेज की मान्यता के लिए निरीक्षण रिपोर्ट पक्ष में नाम देने के लिए रिश्वत लेने वाले फिरोजाबाद कॉलेज के रीडर कौशलेन्द्र कुमार यादव और यूपी की वरिष्ठ व्याख्याता अमृता माहेश्वरी को ढाई साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर कुल साठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि दोनों अभियुक्तों को जयपुर में खुलने वाली चार बीएड और एक एसटीसी कॉलेज की मान्यता के लिए निरीक्षण करने भेजा गया था. सीबीआई को 8 अक्टूबर 2008 को गुप्त सूचना मिली की दोनों अभियुक्त पक्ष में रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत ले रहे हैं. इस पर सीबीआई ने होटल में दबिश देकर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया.

पढ़ें- BJP युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के विरोध में बांटे भारतीय कांग्रेस बैंक के Fake Cheque

इस दौरान तलाशी में सीबीआई को अभियुक्तों के कब्जे से करीब दो लाख रुपए और उपहार मिले. वहीं, एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने जब्त की गई बोरिंग मशीन छोड़ने की एवज में रिश्वत मांगने वाले सूरजगढ, झुंझुनूं के भू अभिलेख निरीक्षक रामस्वरूप खींचड को एक साल की सजा और दस हजार रुपए का जुर्माना लगया है. सितंबर 2012 को परिवादी सज्जन सिंह ने मामले में एसीबी में रिपोर्ट दी थी.

जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 ने निजी बीएड और एसटीसी कॉलेज की मान्यता के लिए निरीक्षण रिपोर्ट पक्ष में नाम देने के लिए रिश्वत लेने वाले फिरोजाबाद कॉलेज के रीडर कौशलेन्द्र कुमार यादव और यूपी की वरिष्ठ व्याख्याता अमृता माहेश्वरी को ढाई साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर कुल साठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि दोनों अभियुक्तों को जयपुर में खुलने वाली चार बीएड और एक एसटीसी कॉलेज की मान्यता के लिए निरीक्षण करने भेजा गया था. सीबीआई को 8 अक्टूबर 2008 को गुप्त सूचना मिली की दोनों अभियुक्त पक्ष में रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत ले रहे हैं. इस पर सीबीआई ने होटल में दबिश देकर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया.

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इस दौरान तलाशी में सीबीआई को अभियुक्तों के कब्जे से करीब दो लाख रुपए और उपहार मिले. वहीं, एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने जब्त की गई बोरिंग मशीन छोड़ने की एवज में रिश्वत मांगने वाले सूरजगढ, झुंझुनूं के भू अभिलेख निरीक्षक रामस्वरूप खींचड को एक साल की सजा और दस हजार रुपए का जुर्माना लगया है. सितंबर 2012 को परिवादी सज्जन सिंह ने मामले में एसीबी में रिपोर्ट दी थी.

Intro:जयपुर। सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 ने निजी बीएड और एसटीसी कॉलेज की मान्यता के लिए निरीक्षण रिपोर्ट पक्ष में देने के नाम रिश्वत लेने वाले फिरोजाबाद कॉलेज के रीडर कौशलेन्द्र कुमार यादव और यूपी की वरिष्ठ व्याख्याता अमृता माहेश्वरी को ढाई साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर कुल साठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।Body:अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि दोनों अभियुक्तों को जयपुर में खुलने वाली चार बीएड और एक एसटीसी कॉलेज की मान्यता के लिए निरीक्षण करने भेजा गया था। सीबीआई को 8 अक्टूबर 2008 को गुप्त सूचना मिली की दोनों अभियुक्त पक्ष में रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत ले रहे हैं। इस पर सीबीआई ने होटल में दबिश देकर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। तलाशी में सीबीआई को अभियुक्तों के कब्जे से कुल करीब दो लाख रुपए व उपहार मिले। वहीं एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने जब्त की गई बोरिंग मशीन छोडने की एवज में रिश्वत मांगने वाले सूरजगढ, झुंझुनूं के भू अभिलेख निरीक्षक रामस्वरूप खींचड को एक साल की सजा और दस हजार रुपए का जुर्माना लगया है। सितंबर 2012 को परिवादी सज्जन सिंह ने मामले में एसीबी में रिपोर्ट दी थी।Conclusion:
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