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मरने के बाद 4 लोगों को नया जीवन दे गया 17 साल का सेवाराम, जयपुर में धड़का दिल तो हैदराबाद में जुड़ी सांसों की डोर

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Published : Mar 1, 2021, 8:09 AM IST

17 वर्षीय सेवाराम ने मरने के बाद 4 लोगों को नया जीवन दिया है. सड़क दुर्घटना के दौरान सिर पर चोट लगने से सेवाराम का ब्रेन डेड हो गया था. जिसके बाद उसके परिजनों ने सेवाराम के अंगदान की अनुमति दी. सेवाराम की दोनों किडनियां व हार्ट को सवाई मानसिंह अस्पताल में, लिवर को महात्मा गांधी अस्पताल में व लंग्स को राजस्थान में किसी भी मरीज ना होने के कारण राजस्थान से बाहर किम्स हॉस्पिटल, हैदराबाद आवंटित किया गया.

Sevaram donated organ, organ donation in Rajasthan
मरने के बाद 4 लोगों को नया जीवन दे गया 17 वर्षीय सेवाराम

जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रदेश का 42 वां अंगदान किया गया है. जहां धौलपुर निवासी 17 वर्षीय सेवाराम ने मरने के बाद जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी दी है. 17 वर्षीय गंगादास का पुरा धौलपुर, राजस्थान निवासी सेवा राम के सवाई मानसिंह अस्पताल में ब्रेन डेड होने पर परिवार ने अंगदान के लिए सहमति दी.

22 फरवरी को सेवाराम धौलपुर में अपने चाचा के लड़के के साथ दुकान बंद करके घर रात के समय अपने बाइक पर पीछे बैठकर घर जा रहा था. जहां सामने से आ रही गाड़ी की लाइट से उसकी गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वो गिर गए. हेलमेट ना पहने होने की वजह से सिर पर गम्भीर चोट लगी, जिसके बाद सेवाराम को ग्वालियर भर्ती किया गया और उसके बाद हालत गम्भीर होने पर उसे सवाई मानसिंह अस्पताल में रेफर कर दिया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसका ब्रेन डेड हो गया.

पढ़ें- दर्दनाक हादसा! Train की चपेट में आने से फल बेचने वाले 16 साल के युवक के कटे हाथ और पैर

ऐसे में डॉ. सुधीर भंडारी, प्राचार्य एवं चेयरमैन सोटो सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज व डॉ. अमरजीत मेहता, संयुक्त निदेशक, सोटो, जयपुर, डॉ मनीष शर्मा, कंसल्टेंट, सोटो, डॉ अजीत सिंह, कन्सलटेंट, सोटो, डॉ. देवेंद्र पुरोहित, नोडल ऑफिसर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट सवाई मानसिंह अस्पताल, डॉ. चित्रा सिंह, एनेस्थेसिया, सवाई मानसिंह अस्पताल व ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर द्वारा समझाइश के बाद सेवाराम के परिवारजन अंगदान करने के लिए राजी हुए. राजस्थान में कार्यरत स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन, जयपुर द्वारा दोनों किडनियों, लिवर, लंग्स व हार्ट को आवंटित किया गया.

सेवाराम की दोनों किडनियां व हार्ट को सवाई मानसिंह अस्पताल में, लिवर को महात्मा गांधी अस्पताल में व लंग्स को राजस्थान में किसी भी मरीज ना होने के कारण राजस्थान से बाहर किम्स हॉस्पिटल, हैदराबाद आवंटित किया गया.

जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रदेश का 42 वां अंगदान किया गया है. जहां धौलपुर निवासी 17 वर्षीय सेवाराम ने मरने के बाद जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी दी है. 17 वर्षीय गंगादास का पुरा धौलपुर, राजस्थान निवासी सेवा राम के सवाई मानसिंह अस्पताल में ब्रेन डेड होने पर परिवार ने अंगदान के लिए सहमति दी.

22 फरवरी को सेवाराम धौलपुर में अपने चाचा के लड़के के साथ दुकान बंद करके घर रात के समय अपने बाइक पर पीछे बैठकर घर जा रहा था. जहां सामने से आ रही गाड़ी की लाइट से उसकी गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वो गिर गए. हेलमेट ना पहने होने की वजह से सिर पर गम्भीर चोट लगी, जिसके बाद सेवाराम को ग्वालियर भर्ती किया गया और उसके बाद हालत गम्भीर होने पर उसे सवाई मानसिंह अस्पताल में रेफर कर दिया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसका ब्रेन डेड हो गया.

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ऐसे में डॉ. सुधीर भंडारी, प्राचार्य एवं चेयरमैन सोटो सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज व डॉ. अमरजीत मेहता, संयुक्त निदेशक, सोटो, जयपुर, डॉ मनीष शर्मा, कंसल्टेंट, सोटो, डॉ अजीत सिंह, कन्सलटेंट, सोटो, डॉ. देवेंद्र पुरोहित, नोडल ऑफिसर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट सवाई मानसिंह अस्पताल, डॉ. चित्रा सिंह, एनेस्थेसिया, सवाई मानसिंह अस्पताल व ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर द्वारा समझाइश के बाद सेवाराम के परिवारजन अंगदान करने के लिए राजी हुए. राजस्थान में कार्यरत स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन, जयपुर द्वारा दोनों किडनियों, लिवर, लंग्स व हार्ट को आवंटित किया गया.

सेवाराम की दोनों किडनियां व हार्ट को सवाई मानसिंह अस्पताल में, लिवर को महात्मा गांधी अस्पताल में व लंग्स को राजस्थान में किसी भी मरीज ना होने के कारण राजस्थान से बाहर किम्स हॉस्पिटल, हैदराबाद आवंटित किया गया.

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