जयपुर. वर्तमान वित्तीय वर्ष खत्म होने में अब महज 11 दिन बचे हैं. ऐसे में निगम प्रशासन मैरिज गार्डन और डेयरी बूथ संचालकों के लिए शिविर लगाकर और यूडी टैक्सपेयर्स के घर तक जाकर वसूली करने को तैयार है. लेकिन जिस प्राइवेट फर्म को निगम प्रशासन ने यूडी टैक्स और होर्डिंग टैक्स वसूली की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी, वो अपने काम में फिसड्डी साबित हुई है.
मार्च एंड चल रहा है और फिलहाल राज्य सरकार की ओर से मैरिज गार्डन पंजीयन शुल्क, डेयरी बूथ किराया और यूडी टैक्स एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज और पेनल्टी में छूट के प्रावधान तय कर रखे हैं. इन्हें देखते हुए अब निगम स्तर पर शिविर लगाए जा रहे हैं.
24 से 26 मार्च को मैरिज गार्डन के लिए शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. इसके अलावा डेयरी बूथ के लिए भी कैंप आयोजित किए जाएंगे. वहीं यूडी टैक्स के लिए टीम जोनवार क्षेत्र में जा रही है. यही नहीं, टैक्सपेयर्स को घर पर भी टैक्स जमा कराने की सुविधा दी जा रही है.
हालांकि निगम प्रशासन ने एक प्राइवेट फर्म स्पैरो को यूडी टैक्स, हाउस टैक्स और होर्डिंग टैक्स वसूली की जिम्मेदारी सौंप रखी है. यही कंपनी अब नई प्रॉपर्टीज का सर्वे भी कर रही है.
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ग्रेटर नगर निगम
हेरिटेज नगर निगम
हालांकि ये आंकड़े निगम प्रशासन की ओर से फर्म को दिए गए लक्ष्य से काफी पीछे हैं. ग्रेटर नगर निगम में तकरीबन 48 करोड़ जबकि हेरिटेज नगर निगम में 32 करोड़ का लक्ष्य कंपनी के लिए निर्धारित किया गया था. बावजूद इसके निगम प्रशासन कंपनी को ही डिफेंड करने में लगा हुआ है.
ग्रेटर नगर निगम रेवेन्यू उपायुक्त ने कहा कि पहले 1 लाख 35 हजार प्रॉपर्टी थी और अब स्पैरो कंपनी को प्रत्येक प्रॉपर्टी का असेसमेंट करना है. कंपनी के लिए पहला साल है. इसलिए पुराने डाटा को ठीक करना और नया डाटा क्रिएट करने की दोहरी जिम्मेदारी है. जल्द इसके फायदे निगम प्रशासन को मिलेंगे. इसे वित्तीय वर्ष के बचे हुए दिनों में 10 करोड़ वसूली का टारगेट है.
उन्होंने कहा कि चूंकि ये काम आउट सोर्स किया गया है. ऐसे में वसूली का सारा काम फर्म को ही करना है. लेकिन यदि कोई टैक्स पेयर भुगतान नहीं करता है तो कंपनी की रिपोर्ट के आधार पर कुर्की की कार्रवाई निगम द्वारा ही की जानी है. जो अधिकार केवल निगम के अधिकारियों के पास ही है. यही वजह है की वसूली का पैसा फर्म के खाते में ही जाते हैं.
हेरिटेज नगर निगम के रेवेन्यू उपायुक्त ने कहा कि फर्म को साथ जोड़ने से सर्वे डाटा बढ़ने का फायदा हुआ है. जहां तक कलेक्शन की बात है, उस पर कोविड का असर है. उन्होंने कहा कि एसओपी में रेवेन्यू ऑफिसर और फर्म दोनों की भूमिका मेंशन की गई है. बिल जनरेट करना, उसे तामिल कराना और डिमांड नोट जारी करने तक कंपनी की भूमिका रहती है. इसके बाद भी टैक्स पेयर यदि टैक्स जमा नहीं कराता है, तो कुर्की एक्शन के जो पावर है, वो निगम अधिकारियों के पास ही है. हालांकि इसे फर्म का ही अचीवमेंट माना जाएगा.
बहरहाल, आरोप है कि अधिकारियों ने कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए राजस्व शाखा की ओर से वसूल किए गए नगरीय विकास कर को भी कंपनी के खाते में जोड़ दिया. लेकिन अधिकारी कुर्की का अधिकार निगम अधिकारियों के पास होने का हवाला दे रहे हैं. बावजूद इसके कंपनी अभी भी तय लक्ष्य से काफी पीछे हैं. जिसका नुकसान निगम प्रशासन को सीधे तौर पर उठाना पड़ेगा.