जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक भेदभाव भुलाकर प्रदेश के सभी विधायक और सांसदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुझाव लिए, लेकिन अब इस पर भी भाजपा नेता तंज कस रहे हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि वीसी में चर्चा के दौरान मंत्रिमंडल के सदस्यों की ओर से ही अपनी मांगे रखी जा रही थी, उससे स्पष्ट है कि मौजूदा सरकार में अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ चर्चा नहीं की जाती.
प्रतिपक्ष के उप नेता ने एक बयान जारी कर ये भी कहा कि सरकार मंत्रिमंडल के सदस्यों से मिलकर बनती है और सरकार को चलाने का सामूहिक उत्तरदायित्व भी मंत्रिमंडल का ही होता है. राठौड़ के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम के समक्ष सरकार के मंत्रियों की मांगें और पीड़ा उभर कर आना इस बात का संकेत है कि राज्य मंत्रिमंडल में स्वस्थ लोकतंत्र की तरह आंतरिक लोकतंत्र नहीं है और ना ही मंत्रियों के साथ समय-समय पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाता है.
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते दिनों 2 दिन प्रदेश के सभी विधायक और सांसदों से संभाग वार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर चर्चा की और सुझाव लिए. जिसमें सरकार के मंत्री भी अपने-अपने जिलों से शामिल हुए और इस दौरान उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए. अब इन्हीं सुझाव को भाजपा के नेता मंत्रियों की पीड़ा और मांग करार देकर इस पर सियासी बयानबाजी जारी कर रहे हैं.