जयपुर. कोरोना के संकट से उपजे हालातों में प्रदेश में रह रहे पाक विस्थापित परिवारों को राशन उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री के निर्देश से भाजपा नेता खुश तो हैं, लेकिन इस संबंध में पूर्व में किए गए प्रयासों का क्रेडिट लेने से मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं को वंचित रखा.
यही कारण है की मुख्यमंत्री ने जब गुरुवार को पाक विस्थापित परिवारों को राशन उपलब्ध करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए, तो उसके पीछे सीमांत लोक संगठन अध्यक्ष हिंदू सिंह सोडा के पत्र का हवाला दिया. जबकि इस संबंध में भाजपा नेता सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़ और गुलाबचंद कटारिया भी मांग कर चुके थे और राठौड़ ने तो इस संबंध में कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था.
अब जब मुख्यमंत्री के स्तर पर यह साफ कर दिया गया है कि इन परिवारों को राशन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं. तब उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने एक नई मांग सरकार के सामने रखी है.
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भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इन परिवारों को बीपीएल परिवारों की तरह सरकारी योजनाओं का तब तक लाभ दिया जाए. जब तक इन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिल जाती और साथ ही इनके हाथों में ढाई हजार रुपए भी दिलाए जाने की मांग की. जिससे संकट की इस घड़ी में यह परिवार भी अपना गुजर बसर कर सके.
बता दें कि प्रदेश में करीब 8 जिलों में लगभग 6 हजार पाक विस्थापित परिवार रह रहे हैं. जिन्हें भारतीय नागरिकता नहीं होने के कारण किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते अब इन परिवारों के सामने रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है. पिछले दिनों इस संबंध में राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकर्षित किया था. साथ ही मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से भी मुलाकात कर इन परिवारों को राहत देने की मांग की थी.