जयपुर. प्रदेश में ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट पर सियासत गरमा गई है. मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी, तो वहीं भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री इस प्रोजेक्ट पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक (BJP targets CM Gehlot on ERCP) बुलाएं. भाजपा का यह भी आरोप है कि मुख्यमंत्री अपने घटते जनाधार और नाकामी छुपाने के लिए ईआरसीपी पर सियासत कर रहे हैं.
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रामलाल शर्मा ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही. राठौड़ ने कहा जिस प्रकार की राजनीति कांग्रेस कर रही हैं वो अपने गिरते जनाधार को वापस पाने की कोशिश है. लेकिन मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह अंतरराज्यीय योजना है जिसके बीच में केंद्र सरकार और सीडब्ल्यूसी है. राठौड़ ने कहा गहलोत सरकार इस बात से परहेज कर रही है कि प्रोजेक्ट में जो तकनीकी खामियां हैं, उसे दूर कर केंद्र सरकार के पास भिजवाया जाए.
इसके विपरीत कांग्रेस नेता इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाने की बात कहते हैं. राठौड़ ने मुख्यमंत्री से पानी के नाम पर राजनीति ना करने और जल्दी ही इस मसले पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग की (Demand of all party meeting on ERCP) है. राठौड़ ने मुख्यमंत्री की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एब्सेंट माइंड और 'नकारा', 'निकम्मा' जैसे शब्दों के प्रयोग पर भी आपत्ति जताई. वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने इस मामले में कहा कि ईआरसीपी का प्रोजेक्ट हमारी पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में बना, लेकिन कुछ ही समय बाद सरकार चली गई और नई कांग्रेस की सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर काम ना करके केवल मुद्दा बनाने का ही काम किया.
रामलाल शर्मा ने कहा यह प्रोजेक्ट दो राज्यों के बीच का मामला है और पूर्व में जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री कमलनाथ थे, तब भी उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर आपत्ति जता दी थी. शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री इस प्रोजेक्ट को लेकर केवल सियासी बयान दे रहे हैं जबकि धरातल पर इसकी खामियों को दूर कर संशोधित डीपीआर बनाना चाहिए ताकि केंद्र सरकार उस योजना राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का काम करे.