जयपुर. सदन में संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कानूनी दृष्टि से यह संशोधन विधेयक आगे जाकर कई कानूनी पेचीदगी में पड़ेगा. ऐसे में सरकार को चाहिए कि इस संशोधन विधेयक को प्रवर समिति में भेजा जाए, ताकि उसमें आए सुझावों के बाद फिर विधेयक में संशोधन किया जाए.
कटारिया ने इस दौरान विधायक की धारा 103 क और धारा पांच की धारा 24 की खामियों को भी गिनाया और यह भी कहा कि आप इस संशोधन विधेयक के जरिए इन संस्थानों को ऐसा 'उस्तरा' देने जा रहे हो, जिससे वह बिना साबुन लगाए विधियों को बिगाड़ देंगे.
वहीं, भाजपा विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि इस विधेयक के जरिए सरकार जमीनों का गोरखधंधा को बढ़ावा देगी, जिससे दलालों की फौज खड़ी हो जाएगी. गर्ग ने कहा कि अधिकता निकायों में भाजपा का बोर्ड और जनप्रतिनिधि है. इसीलिए सरकार इस संशोधन के जरिए उनके अधिकार कम करना चाहती है. वहीं, भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया ने भी कहा कि यह संशोधन कानून भू-माफिया को प्रोत्साहित करने वाला है और इसके पीछे जनप्रतिनिधियों के अधिकार को कमजोर कर के अधिकारियों को अधिक अधिकार देने की नियत है.
भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ और अशोक लाहोटी ने इस संशोधन विधेयक को घातक और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बताया और जयपुर से जुड़े कई उदाहरण भी दे डाले. साथ ही इस संशोधन विधेयक का जनमत जानने के लिए 6 माह के लिए प्रसारित करने की मांग की.