जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक बयान जारी कर (Satish Poonia Targeted CM Gehlot) कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी सरकार की विफलताओं को छुपाने के लिए इस प्रकार के झूठे आरोप लगा रहे हैं. पूनिया ने कहा कि कोरोना कालखंड में मोदी सरकार ने शानदार काम किया, लेकिन राजस्थान में गहलोत सरकार के शासन में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड्स, दवाई, इंजेक्शन की दलाली के मामले सामने आए और जनता को बड़ी परेशानी हुई व राजस्थान शर्मसार हुआ. पूनिया ने इस दौरान प्रदेश में बिगड़ी कानून-व्यवस्था का भी हवाला दिया और गहलोत सरकार पर किसान और बेरोजगारों से वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया.
केंद्रीय मंत्री के खिलाफ आधारहीन और झूठी बातें कर जनता को भ्रमित कर रहे सीएम : राठौड़
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले में बयान जारी कर मुख्यमंत्री पर पद की गरिमा का सम्मान नहीं करने और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ आधारहीन और झूठी बातें करने का आरोप लगाया. राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के टेलीफोन टैपिंग प्रकरण (Rajasthan Phone Tapping Case) में आवाज का नमूना लेने की चिंता हो रही है. अच्छा यह होता कि पहले वह खुद अपने मंत्रिमंडल में शामिल पर्यटन मंत्री सहित सत्तारूढ़ कांग्रेस के आरोपित विधायकों की आवाज के नमूने जांच एजेंसी को दिलवा देते हैं.
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राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री यह बता दें कि क्या राजस्थान में सर्वाधिक पेट्रोल-डीजल पर वैट नहीं है. क्या राजस्थान में 100 यूनिट उपयोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं से वसूली जा रही विद्युत दर सर्वाधिक नहीं है और यह भी बता दें कि क्या किसान पर मंडी में अनाज बेचने पर लगने वाला मंडी टैक्स और सेस राजस्थान में सर्वाधिक नहीं है. आखिरकार मुख्यमंत्री जी सत्य को क्यों छुपाना चाहते हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बयान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राजस्थान से आने वाले केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर राजस्थान में सियासी संकट के दौरान सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया. यह भी कहा कि शाह और शेखावत के षड्यंत्र को राजस्थान की जनता और हमारे सहयोगी विधायकों की एकता ने फेल कर दिया था.