जयपुर. जयपुर, जोधपुर और कोटा शहर के नगर निगम के महापौर को लेकर चुनाव मंगलवार को होंगे. बीते 3 नवंबर को आए नतीजों में जनता ने स्पष्ट बहुमत न बीजेपी को दिया और न ही कांग्रेस को. ऐसे में निर्दलीयों के दम पर बनने वाले महापौर को लेकर अब पार्षदों की खरीद-फरोख्त की आशंकाएं बढ़ गई हैं.
पार्षदों की खरीद-फरोख्त की आशंका से ग्रस्त बीजेपी ने राज्य निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया है. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा से मुलाकात कर महापौर के चुनाव निष्पक्ष कराने की मांग की है. चतुर्वेदी ने कहा कि महापौर चुनाव में कांग्रेस अपने सत्ता और धनबल का प्रयोग करने की कोशिश कर रही है. जहां पर बीजेपी को बहुमत मिला है, वहां पर भी कांग्रेस अपने सत्ता के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए महापौर बनाने की जुगत में लगी है. उन्होंने कहा कि पार्षदों की खरीद-फरोख्त की जा सके, इसीलिए कांग्रेस ने मतदान के बाद महापौर चुनाव में सात दिन से अधिक का समय रखा है.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्षदों को धमकाने का भी काम कर रही है. ऐसे में निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा से मांग करते हुए अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि पहले तो चुनाव से जुड़े नेताओं और कर्मचारियों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को पोलिंग बूथ के 200 मीटर के दायरे से बाहर रखा जाए. दूसरा किसी मंत्री को पोलिंग बूथ पर आने की अनुमति न हो और तीसरा किसी भी पार्षद को बैल्ट पेपर दिखाने की इजाजत न हो. अगर कोई दिखता है तो उसके वोट को तुरंत इनवैलिड किया जाए.
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चतुर्वेदी ने कहा कि कोई भी पार्षद अपना बेनिफिट दिखाता है तो उसे सामान्य कर दिया जाए. राज्य निर्वाचन आयुक्त के बाद बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुरेंद्र सिंह नरूका और मीडिया संयोजक विमल कटियार ने इसी तरह का मांग पत्र राज्यपाल कलराज मिश्र को सौंपा. सुरेंद्र सिंह और विमल कटियार ने कहा कि नगर निगम में होने वाले महापौर के चुनाव में सत्ता का प्रभाव का इस्तेमाल कर हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिश कर रही है.