जयपुर. नगर निगम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे 29 बागियों को भाजपा ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, लेकिन यदि भाजपा को अपना बोर्ड बनाने में संख्या बल कम लगी तो फिर इन्हीं जीते हुए बागियों का सहारा लेने में भी भाजपा कोई परहेज नहीं करेगी. भाजपा सांसद रामचरण बोहरा और जयपुर ग्रेटर के लिए बनाए गए सह चुनाव प्रभारी रामलाल शर्मा के बयान इसी ओर इशारा करते हैं.
सांसद रामचरण बोहरा और भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने खुलकर इस बात से इनकार नहीं किया, लेकिन यह जरूर कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखकर ही निर्णय लिए जाएंगे. मतलब साफ है कि जिन्हें पार्टी ने बागी कहकर 6 साल के लिए निष्कासित किया, यदि बोर्ड बनाने में उनकी आवश्यकता पड़ी तो बीजेपी उनकी मनुहार करके वापस पार्टी में लाने में भी कोई परहेज नहीं करेगी.
जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर के चुनाव में इस बार वार्ड अधिक हैं और छोटे वार्ड होने के कारण कई वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों की जीते जाने की संभावना भी है. इस बार टिकट वितरण में कई भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर निर्दलीय ही ताल ठोक दी है. इनमें महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष नीता खेतान, स्वाति परनामी, पूर्व पार्षद संजीव शर्मा और कुसुम यादव ऐसे चेहरे है, जिन्होंने अपने वार्डों में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रखी है.
हालांकि, भाजपा ने तो संख्या बल कम होने पर जीतने वाले बागियों पर डोरे डालने की तैयारी कर ली है, लेकिन जीतने के बाद क्या ये बागी भाजपा को समर्थन करेंगे और करेंगे तो शर्तें इनकी अपनी होना तय है. फिलहाल, भाजपा तो यही उम्मीद कर रही है कि कम से कम ऐसी नौबत ना आए और पर्याप्त संख्या में उनके प्रत्याशी जीत कर नगर निगम पहुंचे ताकि बोर्ड बन सके.