जयपुर. खेल मंत्री अशोक चांदना के मंत्री के ट्वीट से मचे सियासी बवाल के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और विपक्ष के उप नेता राठौड़ ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जुबानी हमला किया. उन्होंने कहा कि गहलोत अल्पमत में सरकार चला रहे हैं और यह अपने बोझ से ही गिर जाएगी. शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान सतीश पूनिया ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी सरकार (Satish Poonia on Gehlot) में इस कदर हावी है कि मंत्रियों को अब अपना मंत्री पद भी जलालत भरा लग रहा है. उन्होंने कहा कि हम कहते थे कि अशोक गहलोत व कांग्रेस का शासन होना राजस्थान का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है और अब अशोक चांदना (Satish Poonia on Chandna Tweet) के ट्वीट से इस बात की पुष्टि भी हो गई है. उन्होंने कहा कि साल 2023 में जनता इनका ऐसा इलाज करेगी कि फिर कभी इन्हें मौका नहीं मिलेगा.
42 माह में सीएम सरकार के अंतर्विरोध को थामने में जुटे- प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत (Rajendra Rathore on Ashok Gehlot ) को घेरते हुए कहा कि इस सरकार का जन्म ही अंतर्विरोध के साथ हुआ. 42 माह में मुख्यमंत्री केवल सरकार के भीतर का असंतोष थामने में ही व्यस्त रहें, जिसके चलते राजस्थान में विकास का कोई काम नहीं हुआ. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि एक मंत्री का यह कहना कि वो इस पद पर जलालत भरा जीवन जी रहे हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. राठौड़ के अनुसार संविधान के आर्टिकल 164 (2) में सामूहिक उत्तरदायित्व की बात लिखी गई है. मतलब एक मंत्री यदि कोई बात कहता है तो वह संपूर्ण मंत्रिमंडल की बात मानी जाती है. राठौड़ ने कहा कि इससे पहले भी सरकार के विधायक सरकार के मंत्रियों पर आरोप लगा चुके हैं और मंत्री और विधायक कई अधिकारियों पर आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा का संयम पहले भी टूट चुका है और गणेश घोघरा ने इस्तीफे की पेशकश कर अपने इरादे जता दिए हैं.