जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव में 2 साल का समय शेष है, लेकिन भाजपा अभी से चुनावी मूड में आ चुकी है. हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनाव में 4 राज्यों में जीत हासिल करने के बाद उत्साहित भाजपा का फोकस अब राजस्थान पर है. यही कारण है आगामी 2 अप्रैल को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सवाई माधोपुर में जनजाति मोर्चा के विशिष्ट जनसम्मेलन को संबोधित (JP Nadda to address tribal front conference in Sawai Madhopur) करेंगे.
नवरात्र स्थापना पर होगा आगाज: नवरात्र स्थापना यानी 2 अप्रैल को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सुबह 11 बजे ट्रेन से सवाई माधोपुर पहुंचेंगे. जहां पर उनका मीणा समाज की ओर से पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया जाएगा और उसके बाद वे अनुसूचित जनजाति के सम्मेलन को संबोधित करेंगे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी प्रदेश एसटी मोर्चा को सौंपी है. अनुसूचित जनजाति विशिष्ट जन सम्मेलन के तहत अनुसूचित जनजाति के ऐसे प्रमुख लोगों को संबोधित करेंगे जो भाजपा विचारधारा के हैं या फिर भाजपा की विचारधारा में विश्वास रखते हैं. भले ही वो भाजपा के सदस्य ना हों. सम्मेलन में प्रमुख जनप्रतिनिधियों की भी मौजूदगी रहेगी.
भाजपा का इन जिलों पर फोकस,कमजोर सीटों पर बनेगी मजबूत पकड़: इस सम्मेलन के जरिए भाजपा उन जिलों में पार्टी को मजबूत करना चाहती है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाई थी. पूर्वी राजस्थान के पूरे हिस्से में भारतीय जनता पार्टी को 2018 के विधानसभा चुनाव में करारी हार देखनी पड़ी थी. इस बार इस सम्मेलन में भरतपुर संभाग और उसके पास के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है. यहां आपको बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 73 पर ही भाजपा को जीत मिल सकी थी, लेकिन अब इसी कमी को अगले विधानसभा चुनाव से पहले ठीक करने की कवायद चल रही है.
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राजे ने की नड्डा से मुलाकात: 2 अप्रैल को होने वाले सम्मेलन से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने गत मंगलवार को दिल्ली में नड्डा से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस दौरान राजस्थान से जुड़े विभिन्न मसलो को लेकर चर्चा हुई. वहीं कार्यक्रम से पहले पूनिया और संगठन महामंत्री भी जिलों के दौरे कर पार्टी को संगठनात्मक मजबूती देने में जुटे हैं. वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता बीजेपी को ईस्टर्न कैनाल परियोजना पर कोई काम शुरू नहीं होने के मामले पर लगातार घेर रहे हैं. सीएम अशोक गहलोत लगातार इस मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेर रहे हैं, तो वहीं महंगाई के मुद्दें पर कांग्रेस लगातार भाजपा और केंद्र सरकार पर हमलावर है. ऐसे में नड्डा का ये दौरा काफी महत्वपूर्ण है. माना जा रहा है कि नड्डा कांग्रेस के इस पैतरें का कोई तोड़ लेकर आएंगे.