जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच अब विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी पर न्याय के सिद्धांत के विपरीत काम करने का आरोप लगाया गया है. आरोप भाजपा विधायक मदन दिलावर ने अपनी उस याचिका निरस्ति के मामले में लगाया, जिसमें उन्होंने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय होने पर आपत्ति जताई थी.
दिलावर को रविवार को समाचार पत्रों के जरिए पता चला कि स्पीकर ने उनकी इस याचिका पर सुनवाई करते हुए, निरस्त भी कर दिया. लेकिन जिसने याचिका लगाई उसे इसकी जानकारी भी नहीं है. दिलावर के अनुसार जो जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से उन्हें मिली उसके बाद उन्होंने ईमेल के जरिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और सचिव प्रमील कुमार से आग्रह किया है कि वो इस याचिका के निरस्ति और निर्णय की प्रतिलिपि उन्हें मुहैया कराएं.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मदन दिलावर ने यह भी कहा कि वे स्वयं भी स्पीकर और विधानसभा सचिव से मुलाकात कर आग्रह करेंगे कि वे उन्हें इसकी कॉपी उपलब्ध कराएं. दिलावर का कहना है की याचिका लगाएं करीब 130 दिन हो चुके हैं. लेकिन अब तक उन्हें ना तो इसकी सुनवाई करने के लिए नोटिस मिला और ना ही अपना पक्ष रखने का मौका.
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिया गया और ना ही सुनवाई के दौरान उनका पक्ष जाना गया, जो सीधे तौर पर न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है. वहीं यह मामला हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट में भी लगाया गया. जिस पर सोमवार को सुनवाई होने वाली है, उसके पहले इस याचिका के निरस्ति से जुड़ी खबरें सामने आने पर मदन दिलावर भी अचंभित हैं.