जयपुर. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने निजी चिकित्सालयों, एंबुलेंस और अस्थमा रोगियों को मांग के अनुसार ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार से मांग की. विधायक शर्मा ने बताया कि यह बात जगजाहिर है कि सरकार के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोविड का एक भी मरीज भर्ती नहीं है, सभी मरीज निजी चिकित्सालयों के अंदर भर्ती है.
निजी चिकित्सालयों ने दिन-रात मेहनत करके जीवन बचाने का काम किया है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. लेकिन, राज्य सरकार का एक फरमान ऐसा है जिसके आधार पर निजी चिकित्सालयों की जो ऑक्सीजन डिमांड थी उस डिमांड को घटाकर आधा कर दिया गया है.
रामलाल शर्मा ने कहा कि अब निजी चिकित्सालयों के पास एक ही विकल्प बचता है और वह विकल्प यह है कि अपने मरीजों को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करें या अपने हॉस्पिटल को रिक्त करें क्योंकि एक हॉस्पिटल के अंदर इस प्रकार की घटना घटित हो चुकी है कि ऑक्सीजन सप्लाई की वजह से मरीजों की मौत हुई है. अब कोई भी निजी चिकित्सालय इस प्रकार का रिस्क लेने को तैयार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार इस तरीके के फरमानों को वापस लेकर डिमांड के आधार पर आवश्यकतानुसार किसी तरीके से मरीजों के जीवन बचाने का काम करें.
रामलाल शर्मा ने कहा कि दूसरी बात यह है कि कई मरीज ऐसे हैं जो अस्थमा से ग्रसित हैं और लंबे समय से उनको ऑक्सीजन की जरूरत रहती है. सरकार ने अब कहा है कि सिर्फ ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली कंपनी हॉस्पिटल को ही ऑक्सीजन की सप्लाई करने का काम करेगी. ऐसे मरीजों के देखभाल की जिम्मेदारी उनकी नहीं है. शर्मा ने कहा कि ऐसे मरीज कई वर्षों से ऑक्सीजन ले रहे हैं, उनको ऑक्सीजन उपलब्ध करवाया जाए ताकि वह भी अपने जीवन को बचा सके.
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शर्मा के अनुसार कई एंबुलेंस ऐसी है कि जिनको ऑक्सीजन की कमी है. मैं चाहूंगा कि एंबुलेंस की सुचारू व्यवस्था के लिए काम किया जाए और एक सुव्यवस्थित व्यवस्था के जरिए एंबुलेंस को भी ऑक्सीजन उपलब्ध करवाया जाए. साथ ही निजी चिकित्सालयों के डिमांड को भी शीघ्र पूरा करने का काम किया जाए. कई निजी चिकित्सालयों से शिकायत मिली है कि हम कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं, लेकिन ऑक्सीजन सप्लाई हेतु हमारे अस्पताल का नाम सूची में अंकित नहीं है. इससे ऑक्सीजन की काफी दिक्कत आ रही है, उनको भी सरकार ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने का काम करें.