जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के 2 साल के कार्यकाल को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा ने प्रदेश सरकार के 2 साल के कामकाज को अल्पसंख्यक विरोधी करार देते हुए ढोल नगाड़ों के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान सिविल लाइंस फाटक पर पुलिस और मोर्चा कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई, जिसमें एक कार्यकर्ता बेहोश हो गया.
मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सादिक खान के नेतृत्व में मोर्चे से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता पहले भाजपा प्रदेश मुख्यालय के बाहर एकत्रित हुए और फिर यहां से जुलूस के रूप में मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच किया. हालांकि इस दौरान सिविल लाइंस फाटक पर ही पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया और इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस जवानों के बीच हल्की झड़प भी हुई. प्रदर्शन की खास बात यह रही कि इसमें सरकार को नींद से जगाने के लिए ढोल नताशा का भी इस्तेमाल किया गया. वहीं इस दौरान कुछ मातमी धुनें भी बजाई गई.
मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सादिक खान ने बताया कि गहलोत सरकार के अब तक के कार्यकाल में सफलता के नाम पर गिनाने को कुछ नहीं है, जबकि विफलताओं की लंबी चौड़ी फेहरिस्त है. खान ने बताया कि राजस्थान वक्फ बोर्ड ने अपनी अनेक संपत्तियों में से कुल 16 संपत्तियों को चिन्हित किया, जिसमें से 4 का किराया आ रहा है. इनमें से 34 संपत्तियों का पीडब्ल्यूडी द्वारा किराया निर्धारित किया गया है. इसका 21 करोड़ पर राज्य सरकार पर बकाया चल रहा है, लेकिन प्रदेश सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती. वहीं पिछले 2 साल के दौरान राज्य सरकार ने सभी प्रकार की छात्रवृत्ति अभी बंद कर दी. वहीं फ्री कोचिंग की सुविधा भी 2 वर्षों से बंद की गई है, जबकि अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति आ पहले की तरह मिल रही है.
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खान ने कहा कि प्रदेश में छात्रों के लिए हायर एजुकेशन बंद हो गए. वहीं हाल ही में आरपीएससी में की गई सदस्यों की नियुक्तियों में भी मुस्लिम समाज की अनदेखी की गई. उर्दू भाषा के तृतीय भाषा के रूप में मान्यता समाप्त करने की तैयारी प्रदेश की सरकार कर रही है. वहीं, बीते 2 वर्षों में अल्पसंख्यकों से जुड़े निगम और बोर्ड का गठन तक नहीं हुआ, जबकि हज के सफर के फॉर्म भरने का काम चालू हो चुका है. मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मदरसा बोर्ड को संवैधानिक दर्जा तो दे दिया, लेकिन उसके बाद भी प्रगति के नाम पर कुछ नहीं हुआ. आलम यह है कि मदरसों में शैक्षणिक सामग्री और खेल सामग्री का वितरण तक बंद कर दिया गया है.
वहीं, मोर्चा प्रदेश महामंत्री हामिद मेवाती ने कहा कि पिछले दिनों भरतपुर में दिल्ली पुलिस द्वारा एक निर्दोष मुस्लिम युवक की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में भी अब तक प्रदेश सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया, जिससे अल्पसंख्यक समाज आहत है. वहीं, मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मस्जिद मलिक कमांडो ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार बीते 2 साल में हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है.