जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के 2 साल के कार्यकाल के विरोध में भाजपा महिला मोर्चा भी सोमवार को सड़कों पर उतर गई. राज्य सरकार के 2 साल के कार्यकाल को महिला विरोधी बताते हुए भाजपा महिला मोर्चा ने विरोध प्रदर्शन कर धरना भी दिया. गांधी सर्किल पर दिए गए इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व मंत्री और विधायक अनिता भदेल, प्रदेश मंत्री मधु कुमावत, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अलका मूंदड़ा सहित सैकड़ों महिला नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहीं
धरने के दौरान महिला कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की, साथ ही प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर विफल भी करार दिया. महिला नेताओं का यह भी आरोप लगाया कि बीते 2 साल के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में महिला उत्पीड़न के मामले काफी अधिक हुए. जिसके चलते देश में राजस्थान महिला उत्पीड़न के मामलों में पहले नंबर पर आ गया है. पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता अनिता भदेल के अनुसार मौजूदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. अपराधों के आंकड़े इस बात को बताते हैं कि राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में मौजूदा सरकार को अपने 2 साल के कार्यकाल का जश्न बनाने का कोई हक नहीं है.
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वहीं बीजेपी महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अलका मूंदड़ा ने बताया कि प्रदेश सरकार की महिला विरोधी नीतियों के खिलाफ ना केवल जयपुर बल्कि प्रत्येक जिला मुख्यालय में इस प्रकार का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
सोशल डिस्टेंसिंग की हुई अवहेलना...
महिला मोर्चा के विरोध-प्रदर्शन के दौरान कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन की भी पूरी अवहेलना की गई, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई गई. यहां महिलाएं भीड़ में एक-दूसरे के बिल्कुल नजदीक बैठी. इस दौरान कोरोना की गाइडलाइन को भी इन्होंने भुला दिया. धरने में कुछ महिलाएं ऐसी भी शामिल थी, जिन्हें प्रदर्शन का मकसद तक नहीं पता था.
शहर महिला मोर्चा अध्यक्ष की होनी है नियुक्ति...
भाजपा शहर महिला मोर्चा अध्यक्ष की नियुक्ति अब तक नहीं हुई है. ऐसे में महिला मोर्चा के विरोध प्रदर्शन बड़ी संख्या में इस पद के दावेदार महिला नेताओं ने महिला कार्यकर्ताओं की संख्या जुटाई. जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष राघव शर्मा भी इस बात के आकलन में जुटे हुए थे कि कौन सी महिला नेत्री अपने साथ कितनी महिला कार्यकर्ताओं की भीड़ लेकर आई. शर्मा ने कुछ महिला नेताओं को तो इस बात को लेकर भी टोका कि उनके साथ भीड़ कम क्यों आई.