जयपुर. विधानसभा के भीतर अपनी ही पार्टी के नेता प्रतिपक्ष और उप नेता पर पक्षपात का आरोप लगाकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखने का मसला विधायक दल की बैठक में भी गूंजा. आलम यह रहा कि इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पूरी तरह मुखर नजर आए और बैठक के दौरान ही उन्होंने यह तक कह दिया कि मुझे पद का मोह नहीं है, कल ही छोड़ने को तैयार हूं. वहीं, बैठक में गुलाबचंद कटारिया और वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई.
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दरअसल, विधानसभा में बजट पेश करने से पहले सुबह 10 बजे ना पक्ष लॉबी में भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में 20 भाजपा विधायकों की ओर से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को लिखे गए पत्र के जरिए लगाए गए पक्षपात के आरोप का मसला भी चर्चा में आया.
इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन विधायकों ने पत्र लिखा था वो सुन लें उनमें से 13 विधायकों ने तो स्थगन से जुड़ा प्रश्न लगाया ही नहीं था और जिन 7 विधायकों ने स्थगन लगाया था, उनमें से 4 को बोलने का मौका भी दिया गया. कटारिया ने कहा कि 3 के मुद्दे तो ऐसे थे नहीं कि जिस पर व्यवस्था दी जा सके.
इस बीच विधायक बाबूलाल खराड़ी ने अपनी सफाई में यह कहा कि मुझे तो मालूम भी नहीं था कि माजरा क्या है, बस मैंने पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए. लेकिन, गुलाब चंद कटारिया यहां पर भी नहीं रुके बल्कि बैठक में मौजूद विधायक कैलाश मेघवाल की ओर इशारा करते हुए यह तक कह दिया की यह पिकनिक स्पॉट नहीं है. मैं प्रतिदिन यहां 10 से 11 घंटे तक रोजाना काम करता हूं, इसलिए मुझे पद का ज्यादा मोह नहीं है और मैं कल भी छोड़ने को तैयार हूं.
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी पत्र लिखने वाले 20 विधायकों को हिदायत देते हुए कहा कि कई विधायकों को तो मैं मेरे स्वयं के डॉक्यूमेंट से बोलने का अवसर दे देता हूं. जो मेरे पास आता है उसे बोलने का अधिकार और मौका भी दिया जाता है.
इस बीच वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल ने एक मांग उठा दी कि नेता प्रतिपक्ष और उप नेता हैं तो फिर मुख्य सचेतक भी विपक्ष को घोषित कर देना चाहिए. माना जा रहा है कि भाजपा विधायक दल के सचेतक पद पर घोषणा अब जल्द ही हो सकती है.
कटारिया से उलझे कैलाश मेघवाल
भाजपा विधायक दल की बैठक के दौरान वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बीच भी तीखी तकरार हुई. बैठक में कैलाश मेघवाल ने खुलकर अपनी बात रखी और खड़े होकर यह भी कह दिया कि नेता प्रतिपक्ष महोदय आप पहले यह बताइए कि आप नेता प्रतिपक्ष भी हैं और पब्लिक एडवाइजरी कमिटी के चेयरमैन भी. क्या पीएसी चेयरमैन कोई दूसरा वरिष्ठ विधायक नहीं बन सकता था क्या.
कैलाश मेघवाल ने यह भी कहा कि पिछले भाजपा विधायक दल में मुख्य सचेतक की नियुक्ति नहीं हुई इससे पार्टी को फायदा नहीं हुआ बल्कि लोग कहते हैं कि विधायक बैठे हुए हैं. कैलाश मेघवाल यहां पर ही नहीं रुके बल्कि यह तक कह दिया की हो सकता है आपको ऊपर से नेता प्रतिपक्ष बना दिया, लेकिन आपने उप नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कैसे कर देख ले किस तरह का कोई पद नहीं होता.
कैलाश मेघवाल ने यह भी कहा कि हम तो आपके भी समर्थक होश में रह ना सके बाकी आप अगर विधायकों से राय लो तो आपको पता चल जाएगा. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भड़क गए. उन्होंने 20 विधायकों के स्टेशन से जुड़े मामले को विस्तार से सबके सामने रख दिया कि किसी सवाल लगाएं और किसने नहीं उनमें से कितनों को मौका दिया गया.