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अलवर विमंदित बालिका मामला- भाजपा का सवाल, कहा-डिलीवरी बॉय हिट एंड रन का केस था तो खुलासे में 7 दिन क्यों लगे?

अलवर विमंदित बालिका मामले में दुर्घटना की संभावना का नया मोड़ सामने आया है. इसे लेकर प्रदेश भाजपा ने पुलिस और सरकार पर हमला बोला है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना (Satish Poonia on Alwar special girl child case) है कि अगर मामला डिलीवरी ब्वॉय हिट एंड रन का था तो इस निष्कर्ष तक पहुंचने में पुलिस को 7 दिन का समय क्यों लगा?

BJP reaction on alwar special girl child case
अलवर विमंदित बालिका मामला
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Published : Jan 19, 2022, 4:15 PM IST

Updated : Jan 19, 2022, 10:37 PM IST

जयपुर. अलवर विमंदित बालिका मामले में पुलिस अब दुर्घटना (Police Theory in Alwar case) की संभावना मानकर नई दिशा में जांच कर रही है. कुछ डिलीवरी बॉय भी हिरासत में लिए गए हैं लेकिन भाजपा पुलिस की तत्परता पर भी सवाल (BJP questioning on Alwar Police theory) उठा रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने पुलिस के यू-टर्न पर सवाल उठाते हुए पूछा कि यदि डिलीवरी बॉय हिट एंड रन का यह मामला था तो इसे एस्टेब्लिश करने में पुलिस को 7 दिन का समय क्यों लगा?.

प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए पूनिया ने कहा कि पीड़ित बालिका को देखने के बाद शुरुआत में चिकित्सकों ने जो बयान दिए, वह दिखा रहा था कि मामला दुष्कर्म से जुड़ा है. उसके बाद अब पुलिस वहां से गुजरने वाले डिलीवरी बॉय हिट एंड रन से जुड़ा मामला मान रही है. यदि ऐसा है तो केवल बालिका के प्राइवेट पार्ट्स ही क्यों इंजर्ड हुए? इसका जवाब भी देना चाहिए. पूनिया ने कहा पुलिस और सरकार के बार-बार बदलते बयान कई सवाल खड़े कर रहे हैं. खास तौर पर प्रदेश सरकार अपनी नाकामी छुपाने का प्रयास कर रही है.

भाजपा का सवाल, कहा-डिलीवरी बॉय हिट एंड रन का केस था तो खुलासे में 7 दिन क्यों लगे?

पढ़ें: अलवर विमंदित बालिका केस में पुलिस की नई थ्योरी...हिट एंड रन का हो सकता है मामला

उन्होंने कहा कि जब यह घटना हुई तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी राजस्थान में ही थीं. ऐसे में या तो प्रियंका गांधी की फटकार का असर प्रदेश सरकार को हुआ है या फिर अपनी नेता को इस घटना की जलालत से बचाने के लिए सरकार मामले को नया मोड़ देने की कोशिश में जुटी है. पूनिया ने कहा राजस्थान की इस घटना का असर यूपी और पंजाब के चुनाव पर भी होता और इस पूरी घटना से राजस्थान शर्मसार भी हुआ है.

पढ़ें: अलवर विमंदित प्रकरण CBI को सौंपने की तैयारी लेकिन 'रेप' और 'एक्सीडेंट' की थ्योरी पर उठे कई सवाल

सीबीआई जांच का मतलब यह नहीं कि पीछा छूट गया- पूनिया

पूनिया ने कहा कि हम चाहते थे कि प्रदेश की पुलिस इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई कर अपराधियों को पकड़े. लेकिन प्रदेश की जनता और पीड़ित परिवार का अब पुलिस पर से विश्वास भी उठ गया है. पूनिया के अनुसार मुख्यमंत्री यह ना समझें कि प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने से उनका पीछा छूट गया. जब तक पूरे मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती और अपराधियों को सजा नहीं मिलती, तब तक इस मामले से सरकार का पीछा छूटने वाला नहीं है.

पढ़ें: Rape did not happen in Alwar : मेडिकल जांच रिपोर्ट के मुताबिक नहीं हुआ दुष्कर्म - पुलिस

प्रदेश को पूर्णकालिक गृहमंत्री की दरकार लेकिन पद से चिपके हैं गहलोत- राठौड़

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मामले में पुलिस के यू-टर्न पर सवाल खड़े किए हैं. राठौड़ ने कहा (Rajendra Rathore on Alwar special girl child case) कि जिस प्रकार की घटनाएं राजस्थान में हो रही हैं, उसके बाद राजस्थान को एक पूर्णकालिक गृहमंत्री की दरकार है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गृह मंत्री के पद पर भी चिपके बैठे हैं. उन्होंने प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया.

जयपुर. अलवर विमंदित बालिका मामले में पुलिस अब दुर्घटना (Police Theory in Alwar case) की संभावना मानकर नई दिशा में जांच कर रही है. कुछ डिलीवरी बॉय भी हिरासत में लिए गए हैं लेकिन भाजपा पुलिस की तत्परता पर भी सवाल (BJP questioning on Alwar Police theory) उठा रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने पुलिस के यू-टर्न पर सवाल उठाते हुए पूछा कि यदि डिलीवरी बॉय हिट एंड रन का यह मामला था तो इसे एस्टेब्लिश करने में पुलिस को 7 दिन का समय क्यों लगा?.

प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए पूनिया ने कहा कि पीड़ित बालिका को देखने के बाद शुरुआत में चिकित्सकों ने जो बयान दिए, वह दिखा रहा था कि मामला दुष्कर्म से जुड़ा है. उसके बाद अब पुलिस वहां से गुजरने वाले डिलीवरी बॉय हिट एंड रन से जुड़ा मामला मान रही है. यदि ऐसा है तो केवल बालिका के प्राइवेट पार्ट्स ही क्यों इंजर्ड हुए? इसका जवाब भी देना चाहिए. पूनिया ने कहा पुलिस और सरकार के बार-बार बदलते बयान कई सवाल खड़े कर रहे हैं. खास तौर पर प्रदेश सरकार अपनी नाकामी छुपाने का प्रयास कर रही है.

भाजपा का सवाल, कहा-डिलीवरी बॉय हिट एंड रन का केस था तो खुलासे में 7 दिन क्यों लगे?

पढ़ें: अलवर विमंदित बालिका केस में पुलिस की नई थ्योरी...हिट एंड रन का हो सकता है मामला

उन्होंने कहा कि जब यह घटना हुई तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी राजस्थान में ही थीं. ऐसे में या तो प्रियंका गांधी की फटकार का असर प्रदेश सरकार को हुआ है या फिर अपनी नेता को इस घटना की जलालत से बचाने के लिए सरकार मामले को नया मोड़ देने की कोशिश में जुटी है. पूनिया ने कहा राजस्थान की इस घटना का असर यूपी और पंजाब के चुनाव पर भी होता और इस पूरी घटना से राजस्थान शर्मसार भी हुआ है.

पढ़ें: अलवर विमंदित प्रकरण CBI को सौंपने की तैयारी लेकिन 'रेप' और 'एक्सीडेंट' की थ्योरी पर उठे कई सवाल

सीबीआई जांच का मतलब यह नहीं कि पीछा छूट गया- पूनिया

पूनिया ने कहा कि हम चाहते थे कि प्रदेश की पुलिस इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई कर अपराधियों को पकड़े. लेकिन प्रदेश की जनता और पीड़ित परिवार का अब पुलिस पर से विश्वास भी उठ गया है. पूनिया के अनुसार मुख्यमंत्री यह ना समझें कि प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने से उनका पीछा छूट गया. जब तक पूरे मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती और अपराधियों को सजा नहीं मिलती, तब तक इस मामले से सरकार का पीछा छूटने वाला नहीं है.

पढ़ें: Rape did not happen in Alwar : मेडिकल जांच रिपोर्ट के मुताबिक नहीं हुआ दुष्कर्म - पुलिस

प्रदेश को पूर्णकालिक गृहमंत्री की दरकार लेकिन पद से चिपके हैं गहलोत- राठौड़

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मामले में पुलिस के यू-टर्न पर सवाल खड़े किए हैं. राठौड़ ने कहा (Rajendra Rathore on Alwar special girl child case) कि जिस प्रकार की घटनाएं राजस्थान में हो रही हैं, उसके बाद राजस्थान को एक पूर्णकालिक गृहमंत्री की दरकार है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गृह मंत्री के पद पर भी चिपके बैठे हैं. उन्होंने प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया.

Last Updated : Jan 19, 2022, 10:37 PM IST
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