जयपुर. अलवर विमंदित बालिका मामले में पुलिस अब दुर्घटना (Police Theory in Alwar case) की संभावना मानकर नई दिशा में जांच कर रही है. कुछ डिलीवरी बॉय भी हिरासत में लिए गए हैं लेकिन भाजपा पुलिस की तत्परता पर भी सवाल (BJP questioning on Alwar Police theory) उठा रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने पुलिस के यू-टर्न पर सवाल उठाते हुए पूछा कि यदि डिलीवरी बॉय हिट एंड रन का यह मामला था तो इसे एस्टेब्लिश करने में पुलिस को 7 दिन का समय क्यों लगा?.
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए पूनिया ने कहा कि पीड़ित बालिका को देखने के बाद शुरुआत में चिकित्सकों ने जो बयान दिए, वह दिखा रहा था कि मामला दुष्कर्म से जुड़ा है. उसके बाद अब पुलिस वहां से गुजरने वाले डिलीवरी बॉय हिट एंड रन से जुड़ा मामला मान रही है. यदि ऐसा है तो केवल बालिका के प्राइवेट पार्ट्स ही क्यों इंजर्ड हुए? इसका जवाब भी देना चाहिए. पूनिया ने कहा पुलिस और सरकार के बार-बार बदलते बयान कई सवाल खड़े कर रहे हैं. खास तौर पर प्रदेश सरकार अपनी नाकामी छुपाने का प्रयास कर रही है.
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उन्होंने कहा कि जब यह घटना हुई तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी राजस्थान में ही थीं. ऐसे में या तो प्रियंका गांधी की फटकार का असर प्रदेश सरकार को हुआ है या फिर अपनी नेता को इस घटना की जलालत से बचाने के लिए सरकार मामले को नया मोड़ देने की कोशिश में जुटी है. पूनिया ने कहा राजस्थान की इस घटना का असर यूपी और पंजाब के चुनाव पर भी होता और इस पूरी घटना से राजस्थान शर्मसार भी हुआ है.
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सीबीआई जांच का मतलब यह नहीं कि पीछा छूट गया- पूनिया
पूनिया ने कहा कि हम चाहते थे कि प्रदेश की पुलिस इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई कर अपराधियों को पकड़े. लेकिन प्रदेश की जनता और पीड़ित परिवार का अब पुलिस पर से विश्वास भी उठ गया है. पूनिया के अनुसार मुख्यमंत्री यह ना समझें कि प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने से उनका पीछा छूट गया. जब तक पूरे मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती और अपराधियों को सजा नहीं मिलती, तब तक इस मामले से सरकार का पीछा छूटने वाला नहीं है.
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प्रदेश को पूर्णकालिक गृहमंत्री की दरकार लेकिन पद से चिपके हैं गहलोत- राठौड़
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मामले में पुलिस के यू-टर्न पर सवाल खड़े किए हैं. राठौड़ ने कहा (Rajendra Rathore on Alwar special girl child case) कि जिस प्रकार की घटनाएं राजस्थान में हो रही हैं, उसके बाद राजस्थान को एक पूर्णकालिक गृहमंत्री की दरकार है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गृह मंत्री के पद पर भी चिपके बैठे हैं. उन्होंने प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया.