जयपुर. समय से पहले ही विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सत्ता पक्ष को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के इतिहास में यह पहला मौका है जबकि सत्ता पक्ष हठधर्मिता पर उतर आया हो और उसने सदन को चलने ही नहीं दिया है.
मीडिया से रूबरू होते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बुधवार को सदन में भारी गतिरोध रहा. विधानसभा अध्यक्ष ने मुझे एक बिल पर बोलने का मौका दिया लेकिन संसदीय कार्य मंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं शिक्षा राज्य मंत्री ने अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया. इससे नाराज होकर अध्यक्ष सीपी जोशी ने विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
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राठौड़ ने कहा कि सरकार की मजबूरी है कि सरकार एफआर नियम एक्ट में संशोधन कर ऋण लेना चाहती है, सरकार के दूसरे बिजनेस भी हैं. विधानसभा स्थगित होने से कई बिल विधानसभा पटल पर रखने से रह गए. अब यह सत्ता पक्ष पर निर्भर है कि वह विधानसभा सत्र फिर से बुलाए. यह पहला मौका है, जब विधानसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष से नाराज होकर सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है.
भाजपा नेताओं की ओर से दिए गए प्रदेश में तालिबान जैसी स्थिति होने के बयान पर राठौड़ ने कहा कि उनका मकसद यही था कि क्षेत्र में असामाजिक तत्वों की गतिविधियां तेज होती जा रही हैं. उसे किसी और आशय में लेना ठीक नहीं है. मदन दिलावर के बयान को लेकर राठौड़ ने कहा कि मेवात में कई तरह की गतिविधियां हो रहीं हैं, उन्होंने किस संदर्भ में यह बात कही यह मुझे जानकारी नहीं है.