जयपुर. कोरोना संकट के इस दौर में प्रदेश की सियासत भी बदलाव के मोड़ पर आ गई है. पहले जहां सरकार के खिलाफ शिकायत और अपना विरोध जाहिर करने के लिए भाजपा के नेता राजभवन तक पैदल मार्च कर ज्ञापन देते थे. अब ये ज्ञापन ई-मेल तक सिमट गया है. राज्यपाल से मुलाकात ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का रूप ले लिया है. प्रदेश सरकार की कार्यशैली के खिलाफ भाजपा नेताओं ने बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.
बता दें कि यह मुलाकात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई और ज्ञापन भी ईमेल के जरिए भेजा गया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और अर्जुन राम मेघवाल, राज्यपाल कलराज मिश्र से रूबरू हुए. इस दौरान इन नेताओं ने प्रदेश में कोरोना के संकट के बीच चल रहे कामकाज को लेकर अपने विचार रखे. सरकारी स्तर पर जहां कोताही बरती जा रही है, उन बिंदुओं से भी राज्यपाल को अवगत कराया.
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इस दौरान 21 बिंदुओं में उल्लेखित अपना ज्ञापन भी राज्यपाल के समक्ष प्रेषित किया
ज्ञापन में किसानों को फसल बुवाई के लिए खाद बीज उपलब्ध कराने, आयुष्मान भारत योजना को प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन ना होने से हो रही मरीजों को परेशानी की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की स्क्रीनिंग और उचित व्यवस्था कराए जाने, आदिवासियों और मजदूरों को नरेगा से जोड़े जाने और बिना राजनीतिक भेदभाव से प्रदेश के कमजोर तबके के लोगों को 2500 दिए जाने की घोषणा पूरी करने की मांग की गई.
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ज्ञापन के जरिए प्रदेश में शराब की बिक्री के दौरान खराब हो रही कानून व्यवस्था और लॉकडाउन की अनुपालना ठीक से नहीं होने पर भी चिंता जताई गई. साथ ही भाजपा नेताओं पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी को लेकर अलोकतांत्रिक तरीके से कार्रवाई किए जाने को लेकर भी अपनी आपत्ति जताई गई. ज्ञापन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कार्यशैली पर सवाल उठाया गया. वहीं प्रदेश के लोगों की समस्याओं को इस ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल के समक्ष रखा गया. भाजपा नेताओं की ओर से दिया गए ज्ञापन को राज्यपाल ने स्वीकार करते हुए, सीएम गहलोत को भेज दिया हैं.