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विधायकों के फंड से आए 600 करोड़, फिर भी 50 करोड़ ही वैक्सीनेशन पर खर्च...ऐसे तो टीकाकरण में लगेंगे कई साल : कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राजस्थान में वैक्सीनेशन के लिए खर्च की कम धनराशि पर सवाल उठाते हुए कहा है कि विधायकों के फंड से अब तक टीकाकरण के लिए 600 करोड़ दिए जा चुके हैं तो अब तक महज 50 करोड़ ही वैक्सीन मंगवाने के लिए क्यों खर्च किए गए हैं.

कोरोना वैक्सीनेशन के खर्च पर सवाल, टीकाकरण को लेकर गहलोत सरकार को घेरा, Opposition Leader Gulabchand Kataria,  Question on the expens of corona vaccination
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का बयान
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Published : May 16, 2021, 7:29 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी गति पर फिर भाजपा नेता सवाल उठाने लगे हैं. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने एक बार फिर बयान जारी कर राजस्थान सरकार की ओर से वैक्सीन खरीद पर अब तक खर्च किए गए 50 करोड़ की राशि को बेहद कम बताते हुए निशाना साधा है. कटारिया ने कहा है कि यदि इसी गति से प्रदेश सरकार वैक्सीनेशन पर खर्च करेगी तो फिर संपूर्ण टीकाकरण में कई साल लग जाएंगे.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का बयान

कटारिया ने अपने बयान में कहा की 18 से 44 वर्ष के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और पूर्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा था कि इस आयु वर्ग पर वैक्सीनेशन के लिए करीब 3000 करोड़ से अधिक का खर्चा आएगा. यह भी कहा था कि इसे राज्य सरकार ही वहन करेगी लेकिन चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के हाल ही में आए बयान में साफ तौर पर कहा गया है की वैक्सीन खरीदने के लिए दो कंपनियों को करीब 50 करोड़ रुपये अभी तक दिए गए हैं.

पढ़ें: कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नहीं मिल रही दवाइयां... तो घबराइएं मत, विकल्प अपनाएं

कटारिया ने कहा कि 18 से 44 वर्ष के लोगों के टीकाकरण के लिए प्रदेश के सभी 200 विधायकों ने अपने विधायक कोष से 3-3 करोड़ रुपए की राशि दी है तो मतलब प्रदेश सरकार के पास 600 करोड़ रुपए तो एमएलए फंड से ही आ गया है. वहीं केंद्र सरकार ने आपदा राहत की राशि भी इस बार प्रदेश को पहले ही दे दी गई है. फिर भी इतनी कम राशि टीकाकरण के लिए अब तक खर्च हुई है जो प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है.

कटारिया ने कहा कि खुद ममता बनर्जी सहित कई राज्यों ने डिमांड की थी की वैक्सीनेशन की खरीद डिसेंट्रलाइज की जाए लेकिन अब प्रदेश सरकार वैक्सीन खरीदने का काम ही धीमी गति से कर रही है तो फिर राजस्थान के युवाओं को सही समय पर वैक्सीन कैसे लग पाएगी. कटारिया ने इस मामले में प्रदेश की गहलोत सरकार और उनके मंत्रियों को नसीहत दी कि वे केंद्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने के बजाय प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य और वैक्सीनेशन के इंतजाम पर ध्यान दें ताकि कोरोना से जंग में आम जनता को राहत मिल सके.

जयपुर. प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी गति पर फिर भाजपा नेता सवाल उठाने लगे हैं. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने एक बार फिर बयान जारी कर राजस्थान सरकार की ओर से वैक्सीन खरीद पर अब तक खर्च किए गए 50 करोड़ की राशि को बेहद कम बताते हुए निशाना साधा है. कटारिया ने कहा है कि यदि इसी गति से प्रदेश सरकार वैक्सीनेशन पर खर्च करेगी तो फिर संपूर्ण टीकाकरण में कई साल लग जाएंगे.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का बयान

कटारिया ने अपने बयान में कहा की 18 से 44 वर्ष के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और पूर्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा था कि इस आयु वर्ग पर वैक्सीनेशन के लिए करीब 3000 करोड़ से अधिक का खर्चा आएगा. यह भी कहा था कि इसे राज्य सरकार ही वहन करेगी लेकिन चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के हाल ही में आए बयान में साफ तौर पर कहा गया है की वैक्सीन खरीदने के लिए दो कंपनियों को करीब 50 करोड़ रुपये अभी तक दिए गए हैं.

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कटारिया ने कहा कि 18 से 44 वर्ष के लोगों के टीकाकरण के लिए प्रदेश के सभी 200 विधायकों ने अपने विधायक कोष से 3-3 करोड़ रुपए की राशि दी है तो मतलब प्रदेश सरकार के पास 600 करोड़ रुपए तो एमएलए फंड से ही आ गया है. वहीं केंद्र सरकार ने आपदा राहत की राशि भी इस बार प्रदेश को पहले ही दे दी गई है. फिर भी इतनी कम राशि टीकाकरण के लिए अब तक खर्च हुई है जो प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है.

कटारिया ने कहा कि खुद ममता बनर्जी सहित कई राज्यों ने डिमांड की थी की वैक्सीनेशन की खरीद डिसेंट्रलाइज की जाए लेकिन अब प्रदेश सरकार वैक्सीन खरीदने का काम ही धीमी गति से कर रही है तो फिर राजस्थान के युवाओं को सही समय पर वैक्सीन कैसे लग पाएगी. कटारिया ने इस मामले में प्रदेश की गहलोत सरकार और उनके मंत्रियों को नसीहत दी कि वे केंद्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने के बजाय प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य और वैक्सीनेशन के इंतजाम पर ध्यान दें ताकि कोरोना से जंग में आम जनता को राहत मिल सके.

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