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कृषक कल्याण टैक्स का विरोध हुआ तेज, शुक्रवार को बीजेपी किसान मोर्चा राज्यपाल के नाम सौंपेंगे ज्ञापन

बीजेपी किसान मोर्चा कृषक कल्याण टैक्स का विरोध कर रहा है. मोर्चा के द्वारा शुक्रवार को इस संबंध में जिला मुख्यालय पर कलेक्टर और एसडीम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर टैक्स हटाने की मांग की जाएगी.

जयपुर न्यूज, jaipur news
कृषक कल्याण टैक्स का विरोध हुआ तेज
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Published : May 7, 2020, 8:30 PM IST

जयपुर. प्रदेश की कृषि मंडियों में कृषक कल्याण टैक्स लगाने का विरोध तेज हो गया है. इस टैक्स के खिलाफ बीजेपी किसान मोर्चा शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर कलेक्टर और एसडीम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर इस टैक्स को वापस लेने की मांग करेगी. यह जानकारी किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र मीणा ने दी.

राजेंद्र मीणा ने बताया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 5 मई को एक आदेश जारी कर कृषि मंडियों में प्रति सैकड़ा 2 रुपये के हिसाब से कृषक कल्याण फीस वसूलने का तुगलकी फरमान जारी किया है.

पढ़ें- तेलंगाना से स्पेशल ट्रेन के जरिए 921 श्रमिकों की 'घर वापसी', अब जोधपुर में बसों से घर के लिए रवाना

जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा और उनके साथ यह आर्थिक रूप से न्याय भी नहीं होगा. भाजपा नेता के अनुसार इस कोरोना संकट में सबसे ज्यादा प्रदेश का अन्नदाता किसान ही प्रभावित हुआ है और इस प्रकार के सरकारी फरमान से प्रदेश सरकार किसानों को राहत देने के बजाय आहत कर रही है.

पढ़ें: स्पेशल: होटल कारोबार पर मंदी के 'बादल', संकट में हजारों नौकरियां

मीणा ने कहा अगर प्रदेश सरकार समझती है कि इस प्रकार के टैक्स से वह अपना घाटा पूरा कर लेगी तो यह सरासर गलत है. क्योंकि, ये देश कृषि प्रधान है और अगर इसमें किसान का गला घोंटने का काम किया जाएगा. तो राजकोष का घाटा तो दूर नहीं होगा. लेकिन, देश और किसान को नुकसान जरूर हो जाएगा.

जयपुर. प्रदेश की कृषि मंडियों में कृषक कल्याण टैक्स लगाने का विरोध तेज हो गया है. इस टैक्स के खिलाफ बीजेपी किसान मोर्चा शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर कलेक्टर और एसडीम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर इस टैक्स को वापस लेने की मांग करेगी. यह जानकारी किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र मीणा ने दी.

राजेंद्र मीणा ने बताया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 5 मई को एक आदेश जारी कर कृषि मंडियों में प्रति सैकड़ा 2 रुपये के हिसाब से कृषक कल्याण फीस वसूलने का तुगलकी फरमान जारी किया है.

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जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा और उनके साथ यह आर्थिक रूप से न्याय भी नहीं होगा. भाजपा नेता के अनुसार इस कोरोना संकट में सबसे ज्यादा प्रदेश का अन्नदाता किसान ही प्रभावित हुआ है और इस प्रकार के सरकारी फरमान से प्रदेश सरकार किसानों को राहत देने के बजाय आहत कर रही है.

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मीणा ने कहा अगर प्रदेश सरकार समझती है कि इस प्रकार के टैक्स से वह अपना घाटा पूरा कर लेगी तो यह सरासर गलत है. क्योंकि, ये देश कृषि प्रधान है और अगर इसमें किसान का गला घोंटने का काम किया जाएगा. तो राजकोष का घाटा तो दूर नहीं होगा. लेकिन, देश और किसान को नुकसान जरूर हो जाएगा.

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