जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर नहीं आई. विधानसभा की कार्यवाही के दौरान ही बीजेपी ने अपनी रणनीति बदली.
जबकि गुरुवार को ही विधायक दल की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने पर सहमति बनी थी और प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया था. सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भाजपा के चार विधायक भी सदन से नदारद दिखे, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा. बताया जा रहा है कि भाजपा को कांग्रेस में सेंधमारी की उम्मीद तो थी, लेकिन सचिन पायलट सहित उनके खेमे के विधायकों के कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उपस्थित होने के बाद बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फिर गया. वहीं, सरकार ने भी विश्वास मत रखने का फैसला किया था, जिसके चलते पार्टी ने अपना प्लान बदल दिया.
सतीश पूनिया ने सदन में विधायकों की अनुपस्थिति को लेकर कहा कि चारों विधायकों की अनुपस्थिति का कोई राजनीतिक कारण नहीं था. एक विधायक की तबीयत खराब थी तो एक विधायक बारिश में फंस गया था. वहीं दो विधायक कंफ्यूजन के चलते और 15 अगस्त की तैयारियों को लेकर जयपुर से चले गए. पूनिया ने कहा कि यह सामान्य घटना है.
4 विधायक सदन से हुए गायब...
भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना भले ही बदल डाली, लेकिन विधानसभा सत्र के पहले ही दिन शुरुआती कार्यवाही के बाद बीजेपी के 4 विधायक सदन से गायब हो गए. आसपुर विधायक गोपीचंद मीणा, घड़ी विधायक कैलाश मीणा, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा और धरियावाद विधायक गौतम मीणा सदन से नदारद दिखे. बताया जा रहा है कि विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक स्थगित कर दी गई थी. जिसके बाद यह विधायक अपने काम से बाहर निकल गए.
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क्योंकि तब तक पार्टी की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने का निर्णय भी बदल दिया गया था. लेकिन सियासत के जानकार इन दोनों घटनाओं को जोड़कर देख रहे हैं. वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि सुबह बैठक में चारों विधायक शामिल हुए थे. लेकिन दोपहर को जब सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तो यह सभी निजी कार्यों की वजह से चले गए. वहीं एक विधायक की तबीयत खराब थी, जबकि दूसरा पारिवारिक मित्र के घर मौत होने की बात कहकर चले गए. चारों विधायकों के गायब होने पर अब पार्टी के भीतर ही सवाल उठने लगे कि पार्टी में गुटबाजी तो हावी नहीं.